- राजस्व विभाग की अनदेखी
देवली. तहसील के सोनेगांव (बाई) स्थित रेत घाट से अवैध रेत तस्करी जोरों पर चल रही है. सोनेगांव (बाई) रेत घाट से बोपापुर, दिघी गांव लगे हुए हैं. सोनेगांव (बाई) का एक, बोपापुर का एक, दिघी का एक और देवली का एक यह चारों रेत घाटों से तस्कर एकसाथ मिलकर अपना अवैध रेत उत्खनन का धंधा जोरों पर चला रहे हैं. इस ओर राजस्व विभाग ने अपनी आंखें बंद कर ली है. इस कारण शासन को लाखों रुपए के राजस्व का घाटा भी हो रहा है.
सोनेगांव (बाई) रेत घाट पर भदाड़ी नदी और यशोदा नदी का संगम हुआ है. इस कारण यह रेत घाट बहुत बड़ा है. यह रेत घाट शासन द्वारा घरकुल धारकों के लिए सुरक्षित रखा गया था. तभी से रेत तस्करों की नजर इस रेत घाट पर थी. सोनेगांव (बाई) रेत घाट से अवैध रेत तस्करी करने वालों के कारण आजू-बाजू के गांव के किसानों को तथा गांव में रहने वाले लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह रेत तस्कर किसानों को तथा गांव वालों को धमकाते हैं.
तस्करों के हौसले बुलंद
कुछ दिन पहले दिघी गांव के सरपंच को इन रेत तस्करों ने जान से मारने की धमकी दी थी. इसकी शिकायत दिघी के सरपंच ने पुलिस, तहसील कार्यालय और जिलाधिकारी को लिखित शिकायत की थी. लेकिन इसका रेत तस्करों पर कोई असर नहीं हुआ. आज भी सोनेगांव (बाई) स्थित रेत घाट से जेसीपी की मदद से सैकड़ों ब्रास रेत का अवैध उत्खनन हो रहा हैं. रेत तस्करों के हौसले काफी बुलंद है.
कुछ रेत तस्करों ने रेती के बड़े-बड़े ढ़ेर देवली शहर में जमा किए हुए हैं. लेकिन इनकी शिकायत करने पर भी तहसील कार्यालय से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. रेत तस्करों पर देवली तहसील कार्यालय के अधिकारी वर्ग इतना मेहरबान क्यों नजर आ रहा है, इसकी चर्चा पूरे शहर में जोरों पर चल रही है. इन रेत तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से कड़े कदम उठाने की मांग अब तहसील के स्थानीय लोग कर रहे हैं.