वर्धा. जिले में 21 से 23 जुलाई दौरान हुई अतिवृष्टि में सैकड़ों हेक्टेयर की फसल खराब हुई है़ नुकसान का प्राथमिक अनुमान कृषि विभाग ने जताया है़ परंतु सर्वे व पंचनामे लेने के काम में काफी कोताही बरती जाने से किसानों में असंतोष पनप रहा है़ गत कुछ दिनों से बारिश से राहत मिलने से खेतीबाड़ी के काम में गति आई है़ मौसम में निरंतर बदलाव के कारण कुछ हिस्सों में फसलों पर बीमारी व इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा है. इसके प्रबंधन के लिए किसान जुट गया है.
33 फीसदी से अधिक फसलों का नुकसान
जिले में 21 से 23 जुलाई दौरान दमदार बारिश दर्ज की गई़ समुद्रपुर व आष्टी तहसील में अतिवृष्टि भी दर्ज की गई़ इसके अलावा अन्य तहसीलों में भी जोरदार वर्षा हुई़ इससे किसानों का भारी नुकसान होने की जानकारी है़ कृषि विभाग की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार समुद्रपुर व सेलू तहसील में 418.07 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 फीसदी से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है़ इसमें सोयाबीन का क्षेत्र 184.02 हेक्टयर, कपास का क्षेत्र 223.07 हेक्टयर व तुअर 10.8 हेक्टयर क्षेत्र में खराब हुई़ जबकि 113.01 हेक्टयर क्षेत्र में 33 फीसदी से कम नुकसान दर्ज किया गया़ परंतु नुकसान क्षेत्र के पंचनामे नहीं होने के कारण किसानों में रोष व्याप्त है.
इसके लिए कृषि विभाग कोताही बरत रहा, ऐसा आरोप किसानों ने किया है़ कृषि विभाग के अनुसार 418 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान हुआ हैं, परंतु असल में क्षेत्र काफी है़ हिंगनघाट, देवली, वर्धा तहसील के कुछ हिस्सों में भी खेतों में पानी जमने से फसलों का नुकसान हुआ है़ इस ओर भी कृषि विभाग ने ध्यान देकर नुकसान क्षेत्र का सर्वे करें. वरिष्ठ स्तर पर पंचनामे भेजकर किसानों को नुकसान भरपाई देने की मांग है.