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  • पोर्टल पर 166 पंजीकृत, राहत व अनुदान पर उठे सवाल

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वर्धा. जिले में कोरोना संकट में अनाथ होने वाले बालकों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है़ शनिवार को ऑनलाइन पोर्टल पर 136 अनाथ बालक पंजीकृत किये गए, जिसमें सोमवार को वृध्दि होकर 166 बालकों का पंजीयन किए जाने जानकारी मिली है़ जिले में अनाथ बालकों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. दूसरी ओर माता-पिता की मृत्यु होने वाले बच्चों को पीएम केयर्स निधि से 18 वर्ष तक मासिक भत्ता तथा प्रत्येक को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता दी जाने वाली है़ परंतु जिन बालकों ने एक ही पालक गंवाया हैं, उन्हें मिलने वाली सरकारी मदद को लेकर प्रश्नचिन्ह उपस्थित हो रहे है़ं बता दें कि कोरोना बीमारी से माता-पिता को गंवाने वाले बालकों को राहत देने के लिए पीएम केयर्स निधि से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन यह योजना शुरू की गई है.

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना शुरू 

आयु के 18 वर्ष तक इन बालकों को मासिक भत्ता तथा 10 लाख की निधि देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की है़  कोरोना से दोनों पालकों को गंवाने वाले जिले में चार बालक पाये गए़  परंतु इसमें एक की आयु 18 वर्ष से अधिक होने से उसे इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा़  वहीं अन्य तीन बालक 18 वर्ष के भीतर है़  इन बालकों के नाम आयु के 18 वर्ष तक 10 लाख रुपए जमापूंजी रखी जाएगी़  इस आधार पर उन्हें 18 वर्ष तक मासिक भत्ता दिया जाएगा़  23 वर्ष पूर्ण करने पर वे यह राशि निकाल पाएंगे.  

18 वर्ष तक 5 लाख रु. तक बीमा कवच

वहीं दस वर्ष के भीतर बालकों को केंद्रीय अथवा निजी विद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा़  उनके शिक्षा की जिम्मेदारी पीएम केयर्स से उठायी जाएगी़  उनके पोषाख, किताबो का खर्च भी केंद्र सरकार करेंगी़  इन बच्चों को उच्च शिक्षा पाने के लिए शैक्षणिक कर्ज की व्यवस्था भी योजना के तहत की गई है़ ग्रेजुएट तक उन्हें शालेय शुल्क इतनी छात्रवृत्ति भी मिलेगी़  दोनों माता-पिता खो देने वाले बालकों को आयुष्यमान भारत योजना में 18 वर्ष तक पांच लाख रुपये तक का बीमा कवच भी दिया जाएगा. 

इस ओर गंभीरता से ध्यान दें सरकार

उल्लेखनिय है कि, जिले में सोमवार, 31 मई तक कुल 166 अनाथ बालकों का पंजीयन हुआ है़  इन बालकों को बाल संगोपन योजना का लाभ दिया जा रहा है़  इसमें प्रतिमाह 1,100 रुपए अर्थसहायता दी जाने वाली है, जिन बालकों ने एक ही पालक को खोया है़  या उसकी आर्थिक स्थिति अत्यंत बिकट है, ऐसे बच्चों को मिलने वाला 1,100 रुपए मासिक भत्ता पर्याप्त माना जाएगा, यह सवाल उपस्थित हो रहा है़  माता-पिता दोनो का आधार खो देने वाले बालकों की तर्ज पर एक पालक को गंवाने वाले भी बालकों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार गंभीरता से ध्यान देने की मांग उठ रही है.