Farmer dies after falling in a well
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    वर्धा. निधि के अभाव में सिंचाई कुओं का निर्माण अधर में लटका था. समय पर अनुदान नहीं मिलने से किसान कुओं का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कर पाए थे. बकाया अनुदान देने के संदर्भ में प्रशासन की ओर से निरंतर प्रयास किया गया. स्थानीय नेताओं ने भी इस दिशा में प्रयास करने से बुधवार को जिप के लघुसिंचाई विभाग को 10 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है. इससे 614 लाभार्थियों को बकाया राशि का भुगतान जल्द होगा. राज्य सरकार ने किसानो को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने 13 हजार सिंचाई कुओं के निर्माण की घोषणा की थी. जिले को 2000 सिंचाई कुओं का टार्गेट दिया गया था.

    टार्गेट के अनुसार आर्वी तहसील में 700, वर्धा 105, सेलू 105, देवली 340, आष्टी 260, कारंजा 105, हिंगनघाट 105, समुद्रपुर 280 ऐसे कुल 2000 कुओं का निर्माण किया जाने वाला था. जिप के लघु सिंचाई विभाग द्वारा आनलाइन आवेदन देकर पात्र व्यक्तियों का कुआं खोदने के लिए आदेश दिया गया था. शुरू में योजना के अंतर्गत सरकार की ओर से 4 करोड़ 40 लाख रुपए मंजूर हुए थे.

    विभाग के पास का बकाया 

    प्रथम चरण में 6 कुओं का निर्माण पूर्ण होने के कारण उन्हें शतप्रतिशत अनुदान दिया गया था. परंतु 207 कुओं का निर्माण होने के बावजूद भी निधि के अभाव में उन्हें शतप्रतिशत राशि प्राप्त नहीं हुई थी. मंजूरी प्राप्त 771 कुओं का काम प्रगति पथ पर था, परंतु समय पर निधि नहीं मिेने से काम रोका, जिससे सरकार की योजना खटाई में आयी थी. अनुदान के तौर पर प्रथम चरण में मिली हुई राशि में से 4 करोड़ 37 लाख 3 हजार रुपए लाभार्थियों को बांटे गए थे. किंतु  614 लाभार्थियों के 9 करोड़ 93 लाख 96 हजार रुपए सिंचाई विभाग के पास बकाया थे. 

    जिप ने सरकार से की थी मांग

    सत्ता परिवर्तन व कोरोना संक्रमण के चलते निधि प्राप्त नहीं होने से किसान कुओं का शेष काम पूर्ण कर पाने में असमर्थ थे. इससे निधि तुरंत देने की मांग जिप प्रशासन ने सरकार से की थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने यह राशि उपलब्ध कराई. नागपुर संभाग के आयुक्त डा. संजीवकुमार ने राशि आवंटित करने के संदर्भ में जिलाधिकारी व जिप को पत्र भेजा है, जिससे जल्द किसानों के खाते में राशि जमा होगी.