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  • 2000 कुओं के निर्माण का उद्दीष्ट
  • निधि की कमी
  • किसानों की प्रतिक्षा कायम

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– गजानन गावंडे

वर्धा. किसानों को सिंचाई सुविधा मिले इस दृष्टीकोन से सरकार ने सिंचाई कुआं योजना आरंभ की. किंतु गत एक वर्ष में योजना विविध कारणों से संकट में फंस गई है. अबतक केवल 12.5 प्रतिशत कुओं का निर्माण होने की जानकारी सामने आयी है. निधि व अन्य कारणों के कारण योजना सफेद हाथी बनने से किसानों का इंतजार बरकरार है.

तत्कालीन भाजपा–सेना सरकार ने लोकसभा चुनाव के पूर्व किसानों को सौगात देते हुए 13 हजार कुओं के निर्माण की घोषणा की थी. जिससे किसानों में योजना के प्रति खुशी की लहर थी. बावजूद योजना अमल में आते ही जिले की 50 प्रतिशत से अधिक ग्रापं के चुनाव होने के कारण सुमचे जिले में आदर्श आचार संहिता लगी. जिससे जिले में योजना पर अमल नही हो सका. ग्रापं चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के पूर्व ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी. परिणामवश अन्य जिलों में योजना पर अमल हुआ. अपितुं वर्धा जिलें में योजना पर अमल नही हो सका. तत्पशात जुलाई माह में योजना जिले में कार्यान्वीत की गई.

2 हजार कुओं का टारगेट जिले को मिलने के कारण किसानों ने पुरे जोर से योजना को प्रतिसाद दिया. ऑनलाईन पद्धति से से योजना के लिये किसानों ने आवेदन किये. जिसका आवेदन प्रथम उसे प्राथमिकता दी गई. आर्वी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक कुओं का उद्दीष्ट दिया गया था. सभी प्रशासनिक औपचारिकता पूर्ण करने के उपरांत किसानों को कुओं के निर्माण के आदेश दिये गये. योजना के अनुसार कुआं निर्माण के लिये 2 लाख 50 हजार रूपयों का अनुदान दिया जाता है.

809 कुओं काम शुरू

जिले को 2 हजार कुओं का टारगेट था. किंतु पंचायत समिति व जिप लघू सिंचाई विभाग ने  मंजुरी देने के उपरांत 809 कुओं के निर्माण का कार्य शुरू हुआ. बावजूद बारीश व कोरोना के कारण अनेक कुओं का निर्माण कार्य अधर लटक गया तथा अन्य किसान मंजुरी की प्रतिक्षा में थे.

809 कुओं में से केवल 125 कुओं का निर्माण पूर्ण हो सका. किंतु 684 कुओं को निर्माण अभी भी अधर में लटका है. 125 कुओं का निर्माण होने 222.58 लाख रूपये किसानों के दिये गये. 684 कुओं के लिये केवल 213.03 लाख रूपये दिये गये. समय पर सरकारी राशी नही मिलने के कारण उसका असर भी निर्माण पर पडा है. 809 कुओं के लिये अबतक 435.61 लाख रूपयों की राशी खर्च की गई है. वास्तविकता काम अधिक रूपयों का हुआ था. अभी भी इन किसानों को 1226.97 लाख रूपयों की राशि देना बाकी है. 50 करोड की आवश्यकता प्रति कुआं 2 लाख 50 हजार का अनुदान होने के कारण जिले को 50 करोड रूपयों की आवश्यकता थी. किंतु वास्तविकता सरकार की और से महज 4 करोड 40 लाख का निधि ही लघु सिंचाई विभाग को प्राप्त हुआ. निधि के लिये विभाग ने निरंतर पत्राचार किया. बावजूद सरकार की और से निधि प्राप्त नही हुआ.

निधि की मांग की गई

सिंचाई कुओं के लिये निधि की आवश्यकता होने के कारण सरकार की ओर निधि की मांग की गई है. कुओं के निर्माण को प्रशासकीय अनुमति पंस के गुटविकास अधिकारी देते है. तथा लघु सिंचाई विभाग वर्क ऑर्डर देता है. कुए का निर्माण शुरू होने के बाद किसान को समय समय पर पंस व्दारा अनुदान दिया जाता है. – ज्योति अरोरा कार्यकारी अभियंता, लघु सिंचाई विभाग, जिप वर्धा

तहसील    लक्ष्य    काम जारी कुएं     प्रलंबित राशि

वर्धा         105       76                      48.91 लाख

देवली      340      78                       115 लाख

सेलू         105      80                        33.77 लाख

आर्वी      700     353                       624.4 लाख

आष्टी      260     62                         126.16 लाख

कारंजा    105     48                        83.31 लाख

हिंगनघाट  105    39                       60.00 लाख

समुद्रपुर  280     73                       135.42 लाख