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  • किसान नेता विजय जावंधिया को पीएम को पत्र

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  • किसान नेता विजय जावंधिया का पीएम को पत्र

वर्धा. किसान की आमदनी अगर दुगनी करनी है तो उस के लिए पहले खेत मजदूरी भी दुगनी करना आवश्यक होगा. इस संबंध में किसान नेता विजय जावंधिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर सुझावं बताए है. 

पत्र में कहा गया है कि, वर्ष 2014 के चुनाव में किसानों को वचन दिया गया था कि, हम सत्ता में आने के बाद खर्च पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोडकर कृषि उपज को दाम देंगे. सत्ता मे आने के बाद में आपकी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र दिया कि, यह दाम नही दिये जा सकते. फिर आपने घोषणा कि, किसान की आमदानी 2022 तक दुगनी की जायेगी.

परंतु मेरा सवाल है कि, कैसे होगी? चुनाव के पूर्व आपकी सरकार ने 50 प्रतिशत मुनाफा जोडकर दाम देने की घोषणा की वह ए टू एफएल पर प्रो. स्वामीनाथन आयोग ने सीटू प्लस 50 फीसदी कहा है. परंतु जो घोषित दाम है वह भी बाजार में नही मिल रहे है. अब आपने तीन नये कानून की घोषणा की है. आप का विश्वास है कि इन तीन कानून से किसानों का 70 साल से कृषि उत्पन्न बाजार समिति में हो रहा शोषण समाप्त होगा. किसान शोषणमुक्त होगा. इन कानून के कारण किसान को उसकी उपज के अच्छे दाम मिलेंगे. उसकी आमदनी दुगनी होगी. प

रंतु आपसही मे किसान की आमदनी दुगनी करना चाहते है तो इस का मतलब आप खेत मजदूर की आमदनी दुगनी करना चाहते है. आपकी सरकार ने कोरोना महामारी के राहत पैकेज में मनरेगा की मजदूरी में सिर्फ 18 रुपए प्रतिदिन की वृद्धि की है. 182 रुपए के 200 रुपए प्रति दिन किये है. हम आपसे बिनती करते है कि आपको किसान की आमदनी सही में दुगनी करनी है तो आप खेत मजदूर की मजदूरी दुगनी करें. यानि 182 के बदले 364 रुपए प्रति दिन किजीये.

कृषि मूल्य ओर लागत आयोग को इस मजदूरी को हिसाब में लेकर समर्थन मूल्य घोषित करने को कहे. अगर यह दाम बाजार समिति के बाहर नही मिलते है तो सरकार हस्तक्षेप करें. भावांतर योजना के माध्यम से या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में उचित वृद्धि करें, ऐसी मांग विजय जावंधिया ने पीएम नरेंद्र मोदी से की है.