arrest
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

  • आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की कारवाई

Loading

वर्धा. इमारत व अन्य निर्माणकार्य मजदूर कल्याणकारी मंडल की ओर से आर्थिक लाभ वितरण की योजना में गडबडी का मामला सामने आया था. इसमे जांच समिती की रिपोर्ट में तत्कालीन जिला श्रम अधिकारी प. ध. चव्हाण के कार्यकाल में फर्जीवाडा कर करीब करोडो रुपयो की हेराफेरी करने की बात स्पष्ट हुई थी. प्रकरण में 1 माह के उपरांत चव्हाण को नागपुर से हिरासात में ले लिया है.

बता दे कि, कुछ माह पहले एसीबी ने तत्कालीन श्रम अधिकारी चव्हाण को रिश्वत लेते हुए पकडा था. उसने अपने 14 मई 2020 से 9 सितंबर 2020 तक के कार्यकाल में मजदूरों को योजना का लाभ पहुंचाया. परंतु इसमे भारी धांदली की शिकायते सामने आई. योजना में चार माह में इमारत व अन्य निर्माणकार्य मजदूर कल्याणकारी मंडल के माध्यम से 18 हजार 218 बांधकाम मजदूरों को 23 करोड 5 लाख 65 हजार 800 रुपए इतने बडे पैमाने पर लाभ का वितरण किया गया.

परंतु इस प्रक्रिया में भारी गडबडी के आरोप हुए थे. इस संबंध में वरिष्ठस्तर पर शिकायतें प्राप्त हुई थी. सरकार व श्रम आयुक्त ने जांच समिति गठित की, जिसमें प्रत्यक्ष में 10 हजार 318 इतने ही विविध कल्याणकारी योजना निहाय आवेदन कार्यालय के अभिलेख पर उपलब्ध हुए है, शेष 6 हजार 183 आवेदन कार्यालय को प्राप्त ही नहीं होने की बात सामने आयी. प्राप्त न होनेवाले आवेदनों में से करोडों रुपयों की हेराफेरी करने की जानकारी है. आखीरकर प्रकरण में चव्हाण को हिरासत में लिया गया है. चव्हाण को हिरासत में लेने से अनेक मजदूर नेताओ की धडकेने तेज हो गई है. इसमे कुछ बडी मछलीया हात में लगणे की संभावना है. 

नहीं मिल रहा था जवाब

संबंधित तत्कालीन श्रम अधिकारी चव्हाण को आर्थिक अपराध शाखा द्वारा पेश होने के नोटीस जारी किया गया था. परंतु, इसका जवाब अधिकारी ने नहीं दिया. साथ ही प्रकरण के महत्वपूर्ण दस्तावेज भी पेश नहीं किए गए. परिणामवश आर्थिक अपराध शाखा के भानुदास

पिदुरकर के नेतृत्व में सहाय्यक पुलिस निरीक्षक सचिन यादव ने चव्हाण को नागपुर से हिरासत में लेने की जानकरी है. इस कारवाई को पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर, अपर पुलिस अधीक्षक

-यशवंत सोलंकी के मार्गदर्शन में अंजाम दिया गया.