Akola police conducts operation allout, inspecting 37 settlements

  • अपर पुलिस अधीक्षक ने बुलाई फाईल

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वर्धा. किशोरी के अपहरण मामले में दहेगांव पुलिस ने आरोपी को कब्जे में तो लिया, परंतु उसकी गिरफ्तारी न बताते हुए इस मामले को ही नया मोड देने की बात उजागर हुई़ अब यह प्रकरण वरिष्ठो तक पहुंचने से दहेगांव पुलिस ने अपने बचाव में लिपापोती शुरु कर दी है़ असली घटनाक्रम छीपाकर उसे नया रुप देने की चर्चा जोरो पर है़ दूसरी ओर प्रकरण से जुडी फाईल अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा बुलाई गई है़ इसमें आगे क्या कार्रवाई होती है, इस ओर सभी की नजरें टिकी है़ 

सूत्रों के अनुसार कोपरा (चानकी) से हुए किशोरी के अपहरण मामले में चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है़ दी गई शिकायत में संदिग्ध का नाम पुलिस को बताया था़ इसके आधार पर जांच मुहिम भी शुरु हुई़ अपहरणकर्ता व बालिका की तलाश भी पुलिस ने की़ दोनों को थाने में लाया गया, परंतु आगे की कार्रवाई नहीं हो पायी़ कार्रवाई यहीं पर क्यों रुकी, इसी बात में काफी कुछ गोलमाल होने की चर्चा है़ मामला उजागर होने से वरिष्ठ अधिकारियों ने ऊपरी जांचपडताल शुरु कर दी़ परंतु मामले की जड तक पहुंचने का कष्ट कोई नहीं कर रहा है़ अब पीडित का परिवार भी इस संबंध में कुछ बोलने के लिए तैयार न होने की जानकारी है़ परिवार की चुप्पी के पिछे क्या कारण हो सकता है, इसका जवाब भी दहेगांव पुलिस ही दे सकती है़ प्रकरण सामने आते ही पुलिस विभाग हरकत में आया़ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर वरिष्ठों का ध्यान खींचने पर शेष प्रक्रिया अब पुरी करने में दहेगांव पुलिस लगी हुई है़ बार बार पुलिस संबंधीत परिवार के यहां पहुंच रही अथवा उक्त परिवार को थाने में बुलाया जा रहा़ इसके पिछे क्या कारण हो सकता है, ऐसी चर्चा गांव में है़ इस प्रकरण के तार आर्वी व तलेगांव से भी जुडे हुए है़ किस प्रकार बयान बदले गए, दस्तावेजों में छेडछाड की गई, आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं बताई? इन सभी सवालों पर लिपापोती का काम पुलिस कर रही है़ लगातार विवादों से घिरे रहा दहेगांव पुलिस थाना इस प्रकरण में दिक्कत में आया है़ मामले में प्रमुख अधिकारी जुडा होने के कारण उन्हें बचाने के प्रयास वरिष्ठस्तर पर हो रहे है, ऐसी चर्चा है़ यही गलती नीचले पुलिस अधिकारी अथवा कर्मी के हाथो होती तो अबतक कार्रवाई की तलवार लटक रही होती, ऐसी चर्चा पुलिस मयखेमे में है़ प्रकरण के जांचकार्य में पुर्णत: लापरवाही बरती जा रही है़ मामले की जड तक पहुंचने की कोशीश ही नहीं हो रही, ऐसा भी कहा जा रहा है़ 

दहेगांव पुलिस हरकत में

उल्लेखनिय यह कि, प्रकरण में दहेगांव पुलिस ने सेलु न्यायालय के निर्देशों की अवमानना करने की बात सामने आयी थी़ परंतु अब डेढ माह बितने के बाद मामले से जुडी कडियों को न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है़ इतने दिनों तक न्यायालय के निर्देश का पालन क्यों नहीं किया गया, यह प्रश्न उपस्थित हो रहा है़ 

चल रही है जांच : प्रकरण की फाईल बुलाई गई है. रिश्तेदारो के बयान जांचे जाएंगे. प्रकरण की विस्तृत जांच के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है.

निलेश मोरे (अपर पुलिस अधीक्षक, वर्धा)