वर्धा. कोरोना संकट के कारण स्कूल और कॉलेज बंद हैं. इंजीनियरिंग, फार्मेसी, एम.बी.ए. M.Tech समेत अन्य पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है. इसलिए छात्रों और अभिभावकों के मन में पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कितने समय तक इंतजार करना पड़ेगा. यह सवाल है. राज्य में 12वीं का परिणाम मई के माह में घोषित किया गया था. प्रतिवर्ष इंजीनियरिंग, फार्मेसी, एम. टेक. एमबीए एक ही पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई थी लेकिन इस साल कोरोना संकट के कारण 10वीं और 12वीं के परिणाम आने में देरी हुई. इस डिग्री पाठ्यक्रम के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा में देरी हुई. प्रवेश की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है.
उल्लेखनीय है कि देशभर के आईआईटी, एनआईटी और अन्य राज्यों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक प्रवेश प्रक्रिया के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है. इसके लिए एक मराठा आरक्षण है. इसलिए प्रवेश प्रक्रिया के लिए एक समस्या है. लेकिन कहीं और यह प्रक्रिया शुरू हो गई है. महाराष्ट्र राज्य में प्रवेश प्रक्रिया कब शुरू होगी. इस पर छात्रों और अभिभावकों को सवाल उठाना पड़ रहा है. ऐसा प्रश्न शंकर प्रसाद अग्निहोत्री ने राज्य सरकार से किया है.
इसी तरह राज्य सरकार के तहत स्कूली बच्चों की शिक्षा के लिए रु 26,000/- प्रति छात्र शुल्क राज्य सरकार को भूगतान किया जाता है.हालांकि राज्य सरकार ने रुपये आवंटित किए हैं. 17,670/-प्रति छात्र विशेष रूप से केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत का भूगतान करना चाहिए. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतिष्ठित स्कूल में 25 प्रतिशत प्रवेश दिया जाता है लेकिन पिछले 3 वर्षों से कई स्कूलों ने छात्र की फीस का भूगतान नहीं किया है. यह बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है और बच्चों की शिक्षा के अधिकार को केंद्र सरकार ने अपनी पूरी राशि आवंटित कर दी है.
लेकिन राज्य सरकार ने इसे अभी तक वितरित नहीं किया है. सरकार को तत्काल सभी स्कूलों को प्रति छात्र 26,000/- रुपये का वितरण करना चाहिए. स्कूल के प्रबंधन और स्कूल शुरू होने के बाद शिक्षकों के नियोजन जिसमें शिक्षकों का वेतन किया जा सके. ऐसी मांग का पत्र राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री व राज्यपाल की ओर भेजा है.