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    •  खेती का लागत खर्च बढेगा

    वर्धा. खाद की किंमतों वृद्धि करने के बाद कंपनियों ने रासायनिक दवाई के दामों पर भी वृद्धि की है. जिससे कोरोना काल में किसानों पर दोहरी मार पडने वाली है. खाद व दवाई में वृद्धि होने के कारण इस वर्ष खेती का लागत खर्च करीब 30 प्रतिशत बढनेवाला है. जिससे किसानों की कमर पुरी तरह टूटनेवाली है.

    गत कुछ वर्षा का अवलोकन करने खेती पर लागत खर्च बेहताशा बढा है. किंतु उस तुलना में कृषि उपज के दाम नही के बराबर बढने से किसानों को भारी नुकसान सहना पड रहा है. ऐसे में प्राकृतिक आपदाएं किसानों का पिछा नही छोड रही है. गत वर्ष बोंड इल्ली व सोयाबीन पर आयी खोड इल्ली ने किसानों की फसल तबाह कर दी थी.

    जिससे अनेक किसानों ने सोयाबीन की फसल ही नही काटी थी. कपास का उत्पादन इल्ली के प्रकोप के कारण काफी कम हुआ. जिससे किसानों का लागत खर्च भी नही निकला. तुअर के उत्पादन में भी वायरस व अन्य बिमारीयों के चलते असर हुआ. गेंहू तथा चने की उपज अच्छी होने के कारण किसानों को कुछ हद्द तक संजिवनी मिली.

    किसानों ने नही भरा बैंक कर्ज

    गत वर्ष खेती में अनेक किसानों को नुकसान होने के कारण अनेक किसानों ने कृषि ऋृण का भुगतान नही किया है. जिससे इस वर्ष उन्हें पुन: ऋृण मिल पाना कठीण है. ऐसी परिस्थिति में आनेवाले खरीप सिजन में इन किसानों के सामने गंभीर स्थिति निर्माण होनेवाली है. जिला प्रशासन 8 मई से 18 मई तक सख्ती का लाकडाउन करने के कारण कृषि कर्ज के लिये किसान कागजात जुटा नही पा रहे है. जिन किसानों ने कागजात जमा किये है. उन्हें बैंक बंद होने के कारण उनका कर्ज प्रकरण मंजूर होने में बाधा निर्माण हो रही है.

    पहले खाद किमतों में वृद्धि

    खाद कंपनियों ने कोरोना व अन्य कारणों का हवाला देते हुए खाद की किमतों 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि की है. नई किंमतों का खाद डिलर के पास आने लगा है. परंतु खाद की किमतों को लेकर अभी असंमजस्य बना हुआ है. कंपनियों ने खाद की बैग पर एमआरपी किंमत की तुलना में अधिक दर्ज करने के कारण बैग की किंमत कितनी होगी.यह गंभीर प्रश्न निर्माण होनेवाला है.

    दवाई की डिब्बों पर होती है अलग एमआरपी

    पहले ही प्रतिवर्ष रासायनिक दवाई के डिब्बों पर अलग एमआरपी होती है. दुकानदार अपने हिसाब से दवाई की किमते तय करता है. परंतु अब तो कंपनियों ने ही दवाई की किमतें बढाने का निर्णय लिया है. नई किमतों पर कंपनियों ने डिलर से बुकींग आरंभ की है. कुछ कंपनियों ने 20 प्रश तो कुछ कंपनियों ने 30 प्रश तक वृद्धि करने की जानकारी डिलरों ने दी है. नई किमतों का माल अगल माह तक दुकानों में पहुंचने की उम्मीद है.  

    20 प्रश से अधिक हुई वृद्धि

    दवाई की किमतों में इस वर्ष कंपनियों ने 20 प्रश से अधिक की वृद्धि की है. कंपनियों ने हाल भी में संदर्भ में जानकारी दी है. गत वर्ष की तुलना में सभी कंपनीयों की दवाई मंहगी होनेवाली है.- जुगलकिशोर मुंदडा, संचालक, रामदेव ट्रेडिंग

    खरपतवार नाशक के दाम अधिक बढे

    गत वर्ष की तुलना में सभी कंपनियों ने दाम बढाये है. सबसे अधिक दाम खरपतवारनाशक (तणनाश्क) के बढे है. लोकल कंपनियों के रेट में 15 प्रतिशत तथा नामचिन कंपनियों के रेट में 20 प्रश से अधिक वृद्धि हुई है. – दिलीप जाजोदिया, कृषि दुकानदार