गिरड. शिवनफैल-उंदीरगांव सड़क का निर्माण कार्य पूरा करने को अब एक माह भी नहीं हुआ है कि सड़क में जगह-जगह से दरारें आनी शुरू हो गई हैं. पहले तो सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ ठेकेदार लापता हो गया था, जिसके बाद आनन-फानन में काम शुरू किया गया. अब सड़क निर्माण कार्य के 1 माह बाद ही सड़क की धज्जियां उड़ने लगी है, जिसमें ठेकेदार और इंजीनियर ने मिलीभगत कर तमाम शासकीय मानकों को धता बताकर निर्माण कार्य में जमकर मनमानी किए जाने का आरोप नागरिकों ने लगाया है.
शासन के निर्देशों का नहीं किया जा रहा पालन
इस मार्ग के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है. तमाम शिकायतें को दरकिनार कर ठेकेदार ओर इंजीनियर की मनमानी का सबूत सामने आया है. वहीं विभागीय इंजीनियर नियम से कार्य किए जाने की बात कहते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते जा रहे हैं.
भ्रष्टाचार ओर कमीशन खोरी पर कड़ी कार्रवाई करने एवं इस पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार भले ही बड़ी बड़ी बातें करे. अधिकारी और कर्मचारियों को तमाम निर्देश जारी करने के बावजूद भी क्षेत्र में सरकारी कार्यों की देखरेख करने वाले अधिकारियों का रवैया नहीं बदल रहा है.
पैसा बचाने के चक्कर में घटिया सामग्री का उपयोग
नागरिकों ने बताया कि सड़क की खुदाई के दौरान मुरुम की बजाय ठेकेदार मिट्टी को डालते रहे. विरोध करने पर नाम मात्र मुरुम युक्त मिट्टी को डालकर खानापूर्ति कर देते थे. इतना ही नहीं मिट्टी डालने के बाद उसके बजरीयुक्त छोटी गिट्टी का उपयोग किया गया, जिसके चलते उसका बेस ही मजबूत नहीं हुआ. इसके चलते आज सड़क बदहाल हो चुकी है. लाखों रुपए की लागत से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं.
कच्ची मुरुम व मिट्टी डालकर किया गया कामकाज
यह सुनिश्चित किया गया है कि, विकास कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसके बावजूद ठेकेदार और इंजीनियर अपनी मनमानी कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि ठेकेदार व इंजीनियर की मिली भगत के चलते रोड पर कच्ची मुरूम व मिट्टी डालकर घटिया निर्माण किया गया. इसका नतीजा यह निकला कि एक तो कई सालों के बाद यह रोड बना है. ऊपर से इतना घटिया निर्माण कार्य देख ग्रामीणों में काफी रोष है.