अब बोल उठेगा स्कूल का हर हिस्सा…, जिप का सराहनीय ‘बाला’ उपक्रम

    Loading

    • कक्षा 1 से कक्षा 8 तक होगा अमल 
    • 1 लाख 41 हजार 160 छात्र होंगे लाभान्वित

    वर्धा. गत वर्ष स्कूल बंद रहने से शिक्षा विभाग ने शिक्षा के लिए आनलाइन अध्यापन तकनीक का इस्तेमाल किया था. वर्ष 2021-22 इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत 28 जून से हो रही है. घर के बाद विद्यार्थी अधिक समय स्कूल में ही रहता है. इस पार्श्वभूमि पर ध्यान केंद्रित कर शालेय परिसर में आनंदमई व चैतन्यमई शिक्षा के अंतर्गत बुल्डींग एैज लर्निंग यानि बाला यह संकल्पना जिले के सभी प्राईवेट व सरकारी स्कूलों में चलाने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत अब स्कूल का हर हिस्सा बोल उठेगा, यानि बच्चों को विविध तरह की शिक्षा प्रदान करेंगा. इस तर्ज पर जिले के कक्षा पहली से लेकर आठवी तक के 1 लाख 41 हजार 160 बच्चों को इस आनंददायी शिक्षा का लाभ मिलेगा. 

    स्कूल केवल स्वच्छ होकर नही चलेगा बल्कि शालेय बाह्यरंग व अंतरंग भी सुंदर व शैक्षणिक प्रेरणा देनेवाले आवश्यक है. इसी बात का विचार कर आनंददायी शिक्षा अंतर्गत बीएएल उपक्रम चलाया जा रहा है. इस उपक्रम अंतर्गत विविध संकल्पना रखी गई है. जिसमें इमारत, कक्षा, स्कूल परिसर, मैदान आदि के सौंदर्यीकरण, रंगपुताई, सजावट सहित शिक्षायोग्य बनाने का निर्णय जिप शिक्षा विभाग ने लिया है. इमारत एक शैक्षणिक साधन के तौर पर तय किया गया है.

    बच्चे, शिक्षक, समाज, स्कूल की अपेक्षा, जरुरत, बच्चों की संवेदनशीलता ध्यान में लेकर स्कूल इमारत में अभिनव बदलाव होगा जिससे छात्रों का स्कूल की और ध्यानाकर्षण बढेगा. दरवाजे, खडकिया, छत, दीवार, वरांडा, स्वच्छता ग्रृह, हैन्डवॉश स्टेशन, मैदान आदी का शैक्षणिक सामग्री के तहत इस्तेमाल होगा. जिसमें स्कूल गेट से कक्षा तक दूरी नापना, खिडकी की लंबाई, चौडाई, ऊंची, घडी सहित कैंलेंडर तैयार करना, पानी टंकी का वजन, आकार आदी से शिक्षा दी जाएगी.

    कक्षाओं की प्रत्येक दीवार एक शैक्षणिक साधन के तौर पर इस्तेमाल करना, मैदान भी शिक्षा में अहम भूमिका निभायेगा. मैदान की खुली जगह पर ओटे बनाना, दो इमारत की खुली जगह का इस्तेमाल कल्पकता से करना, चढना, उतरना, कुदना, झुलना, भौगोलिक पढाई हेतु ईंटो से देश का नक्शा बनाना, ध्वजस्तंभ का सौरघडी, ग्रहों की भ्रमणकक्षा के तौर पर इस्तेमाल, प्राकृतिक वातावरण हेतु वनस्पति उद्यान सहित विविध उपक्रम चलाने का निर्णय लिया गया है.

    जिप शिक्षा विभाग में कुल 2.11 लाख छात्र

    जिले के आठों तहसील अंतर्गत 2 लाख 11 हजार 749 बच्चें पहली से दसवीं तक की शिक्षा ले रहे है. जिसमें पहली कक्षा के 16931, दूसरी कक्षा के 15653, तीसरी कक्षा 17558, चौथी 17667, पांचवी 18095, छटवीं 18676, सातवीं 18448, आठवीं 18132, नौंवी 18495, दसवीं 19217, ग्यारवीं 18620 व बारहवीं के 14258 विद्यार्थी अध्ययनरत है. जिसमें आर्वी तहसील में कुल 21488, आष्टी 11058, देवली 26676, हिंगनघाट 40786, कारंजा 12038, समुद्रपुर 20279, सेलू 62222 विद्यार्थियों का समावेश है.

    जिलाधिकारी ने की पहल

    जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने इस संकल्पना की पहल की है. छात्रों को अनुठे रूप से हसते, खेलते शिक्षा मिले यह जिलाधिकारी का उद्देश है. छात्र के इर्दगिर्द दिखनेवाली चिज वह जल्द आत्मसात करते है. उसकी को ध्यान में रखकर यह योजना बनाई गई है. इसके पूर्व भी आनंददायी योजना के तहत स्कूलों की दिवारे छात्रों का आकर्षण बढाने के लिये तैयार की गई थी. पुन: एक और व्यापक रूप के साथ यह प्राजेक्ट अमल आयेगा.