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  • छात्र-छात्राएं, महिला ओबीसी जाति संगठन मोर्चे में शामिल हो

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वर्धा. मराठा नेताओं ने मुंबई उच्च न्यायालय में ओबीसीं में शामिल कुनबी, तेली,माली, धनगर, वंजारी समेत भटक्या व विमुक्त जाति को मिलाकर एबीसी की कुल 400 जातियां किसी भी तरह की सत्यता न जांचते हुए अवैध तरिके से ओबीसी में सम्मिलित की है. ऐसा याचिका में आरोप कर इन जातियों को ओबीसी से बाहर निकाला जाएं ऐसी मांग की है. दुर्भाग्य से इन याचिकाओं का सरकार स्तर पर विरोध होने से यह याचिका उच्च न्यायालय में सम्मिलित नही हो सकी.

अब तो ओबीसीं की या चारसौं जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ ना मिले इस पर अंतरिम स्थगिती देने की बाला सराटे ने मांग की है.इस याचिका पर जल्द ही सुनवाई होगी. इसका विरोध नही हुआ तो और दुर्भाग्य से ओबीसी के आरक्षण पर अंतरिम स्थगिती न्यायालय ने दी तो ओबीसी की बडी हानी होगी. इस तरह से ओबीसी छात्रों की स्कॉलरशिप, उच्च शिक्षा का फी वापसी, ओबीसी छात्रों की शिक्षा, नौकरी में आरक्षण तथा पंचायत राज चुनाव आरक्षण अपने आप रद्द होगा. और ओबीसी की नई पीढी बर्बाद होगी. ऐसे मांगों को ध्यान में रख महात्मा फुले समता परिषद ने ओबीसी आरक्षण बचाओं मोर्चा सभा 25 नवम्बर को आयोजित किया है. यह ओबीसीं के जीवन मरण का प्रश्न होने से ओबीसी छात्र, छात्राएं, महिला, युवक व सभी ओबीसी भाईयों ने मोर्चा में बडी संख्या में शामिल होने का आहृवान सभा में किया है.

सभा में समता परिषद के विभागीय अध्यक्ष प्रा.दिवाकर गमे, निलकंठ पिसे, विनय डहाके, विशाल हजारे, निलकंठ राऊत, भरत चौधरी, पी.बी.थोरात, अविनाश गवडी, किरण कडु, रेखा खेलकर, श्रध्दा कडु, जयवंत भालेराव, सुनिल सावध, पुंडलिक नागतोडे, कवडु बुरंगे, प्रल्हाद गिरीपुंजे, रामदास नवघरे, वासुदेव ढूमने, विरेंद्र नागतोडे,व समता परिषद व ओबीसी जाति संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे.