Doctors protest against harassment of health workers by police in Kashmir
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  • स्वास्थ्य कर्मियों ने दी चेतावनी, 4 दिन में लें निर्णय

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वर्धा. जिले में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिस पर रोक लगाने रात-दिन डाक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, पूर्ण पैरामेडिकल स्टाफ काम कर रहा है. इन कर्मियों का सीधे मरीजों से संपर्क आता है, जिससे सैकड़ों कर्मचारी बाधित हो गए है. परंतु इन कर्मचारियों को किसी तरह की सुरक्षा उपलब्ध नहीं है. इन कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के संदर्भ में चार दिनों में निर्णय लेने की मांग की है. अन्यथा कामबंद आंदोलन करने की चेतावनी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने दी है.

स्वास्थ्य कर्मियों के प्रश्न पर चर्चा करने रविवार को आनलाइन बैठक का आयोजन स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सिद्धार्थ तेलतुंबडे की अध्यक्षता में किया गया. बैठक में राज्य कार्याध्यक्ष दिलीप उटाने, दीपक कांबले, गणेश निमजे, वैभव तायवाडे, नीलिमा तातेकर, वंदना उईके, दिवाकर अडसर उपस्थित थे. जिला आपदा व्यवस्थापन कक्ष व जिलाधिकारी ने चार दिनों में निर्णय नहीं लिया तो जिले के डाक्टर सहित स्वास्थ्य कर्मचारी कामबंद आंदोलन कर असहकार आंदोलन करने का निर्णय सभी संगठन की ओर से लिया गया.

आनलाइन बैठक के जरिए की चर्चा

जिलाधिकारी ने 10 फीसदी बिस्तर आरक्षित किए है. केन्द्र व राज्य सरकार की घोषणा के तहत बीमा कवच की अवधि 30 मार्च 2021 को खत्म होने से कर्मचारियों में डर का वातावरण निर्माण हुआ है. कोविड-19 का काम करते समय फ्रंट वर्कर बाधित होने पर या उनसे परिवार संक्रमित होने पर जिला आपदा प्रबंधन कक्ष द्वारा उपचार की व्यवस्था करना जरूरी है, यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन लें, अन्य जिले की तरह आदेश निकाले, आदि मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी तथा जिला आपदा प्रबंधन कक्ष को दिया गया.

विभिन्न मांगों की ओर खींचा ध्यान

स्वास्थ्य कर्मचारियों को संरक्षण देने, कोविड-19 में काम करने वाले कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण होने पर उपचार का पूर्ण खर्च शासन ने करने, स्वतंत्र निधि देने, कर्मचारी व परिवार के सदस्यों के लिए आरक्षित बिस्तरों की व्यवस्था करने, इन कर्मचारियों की मौत होने पर 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा कवच तुरंत देने की मांग की गई. जिला स्वास्थ्य कर्मचारियों की ओर से स्वास्थ्य संगठन के कार्याध्यक्ष दिलीप उटाने, दीपक कांबले, शरद डांगरे, उदय सालवे ने चर्चा की.

बैठक में किरण वाटकर, मीरा झाड़े, महेंद्र आत्रामकर, दिलीप धुडे, संजय जाधव, मधुकर मेकला, विकास माणिककुडे, उदय सालवे, शरद डांगरे, शाम जोशी, निलेश साटोणे, गोपाल देशमुख, दीपक इंगोले, विलास ठाकरे, भानुदास झाड़े, कमलेश तिरपुडे, भीमराव खुडे, प्रशांत तांबोडी, राऊल डकरे, माधव काताखेडे, सागर कोरडे, आडे, बंडू करपे सहित 165 स्वास्थ्य कर्मचारी, मैग्मो वैद्यकीय अधिकारी संगठन, मलेरिया कर्मचारी संगठन, जिप स्वास्थ्य सेवा कर्मचारी संगठन, जिला परिषद नर्सेस संगठन के प्रतिनिधि सहभागी हुए.