वर्धा. साथरोग अधिनियम व आपदा व्यवस्थापन कानून का अंमल करने के लिए जिले में लॉकडाऊन घोषित किया गया है. इस वजह से राज्यशासन ने 8 मई के परिपत्रक द्वारा निजी शैक्षणिक संस्था व कॉन्वेंट ने शैक्षणिक फीस में वृद्धी न करे. चालू वर्ष व आगामी वर्ष की फी जमा करने के लिए सक्ती न करे, फी भरने के लिए पालको को विकल्प दे. किसी प्रकार की सक्ती करने पर स्कूल व्यवस्थापन के खिलाफ बालकों के नर्िशुल्क व सक्ती के शक्षिा के अधिकार कानूनअंतर्गत कार्रवाई की जाएंगी ऐसे नर्दिेश शक्षिणाधिकारी ने दिए है. जिले में लॉकडाऊन के चलते कुछ संस्था, स्कूल, वद्यिार्थी व पालको को शैक्षणिक फीस भरने की शिकायत शासन तथा शक्षिा विभाग की ओर प्राप्त हुई थी. इस वजह से शासन ने परिपत्रक द्वारा सभी व्यवस्थापन के स्कूलो को वद्यिार्थी और पालको द्वारा स्कूल की चालू वर्ष की फी भरने के लिए सक्ती न करे ऐसे नर्दिेश दिए है. इसमें बकाया शैक्षणिक फीस की वजह से वद्यिार्थियों का परिणाम न रोका जाए व उन्हें तुरंत ऑनलाईन के माध्यम से परिणाम की जानकारी दी जाए. कुछ शैक्षणिक संस्थाओ ने बकाया फी की वजह से वद्यिार्थियों को परिणाम नही भेजा यह गंभीर बात है.
निजी शैक्षणिक संस्था व कॉन्वेंट के व्यवस्थापन ने महाराष्ट्र शैक्षणिक संस्था अधिनियम 2011 की धारा (21) तथा आपदा व्यवस्थापन कानून अंतर्गत पालको की सुविधा की दृष्टी से शैक्षणिक वर्ष 2019-20 व 2020-21 में दी गई व बाकी फी, वार्षिक, एक बार न लेते मासिक, त्रैमासिक जमा करने का विकल्प दे. शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए कोई भी फीस न बढाए, कुछ शैक्षणिक सुविधाओ का उपयोग न करने से उस बारे में खर्च कम होने पर पालको के कार्यकारी समिति में ठराव कर उस तरह उचित प्रमाण में फी कम करे. लॉकडाऊन अवधि में गैरसुविधा टालने के लिए पालको को ऑनलाईन फी भरने के लिए विकल्प दे. इन सभी नियमों का पालन कर वैसा प्रस्ताव शक्षिणाधिकारी(माध्य) कार्यालय को तुरंत प्रस्तुत करने के नर्दिेश शक्षिणाधिकारी ने स्कूल व्यवस्थापन को दिए है.