Problem: 5 feet of water is stored in the bridge near Seoni village, farmers upset due to underpass bridge

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    • जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
    • जमा हो रहा तीन-तीन फीट तक पानी,
    • सामान्य नागरिकों के साथ मरीजों को हो रही परेशानी,
    • जिले में है 13 टनल
    • 15- 20 किमी का लेना पड रहा फेरा

    वर्धा: रेलवे गेट से लोगों को हो रही परेशानी तथा समय की बर्बादी से निजात दिलाने के लिए विकल्प के तौर पर रेलवे ने जिले में करीब 13 जगह पर टनल बनाए है. परंतु इस काम में नियोजन का अभाव, जल्दबाजी तथा पानी निकासी हेतु कोई भी उचित व्यवस्था न करने से यह टनल नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है. बरसात के दिनों में तो इतना सिरदर्द बढ जाता है कि, आवागमन ठप हो जाता है.

    निकट होनेवाले गांव या खेत में जाने किसान, नागरिकों को 15-20 किमी का फेरा लेना पडता है. बारिश के दिनों में नियमित रुप से टनल में पानी जमा रहता है. कभी कबार तो तीन-तीन फूट तक पानी जमा रहने से व उसका अनुमान नही आने से दुर्घटना को न्यौता मिल रहा है. वही दूसरी ओर टनल को अंधा मोड देने के कारण भी यह टनल मुसिबत बन गए है.

    सिंदी से पुलगांव तक करीब 9 टनल

    सिंदी से पुलगांव तक करीब 9 टनल बनाए गए है. वर्धा में दो टनल होकर एक इतवारा से आनंद नगर की ओर जानेवाले मार्ग पर तथा दूसरा पुराने श्मशानभूमि परिसर में है. वही तुलजापुर-दहेगांव मार्ग, सेवाग्राम-पवनार मार्ग, दहेगांव गावंडे-वायफड मार्ग, वरुड-सेवाग्राम, सिंदी रेलवे सहित हिंगनघाट रेल मार्ग पर टनल बनाए गए है. लेकिन इन टनल की ऊंचाई काफी कम है. टनल की ओर जाने के लिए अंधा मोड बनाया गया है, जिससे हमेशा दुर्घटना होने का खतरा बना है.

    टनल से बडा वाहन गुजरे नहीं, इसके लिए टनल के बाहर पोल लगाए गए है. किंतु यह पोल का गेट किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. बोरवेल तथा हार्रवेस्टर टनल से गुजर नहीं सकते जिससे किसानों के सामने गंभीर समस्या निर्माण होती है. बारिश होने पर टनल में करीब दो से तीन फीट तक पानी जमा होता है, जिससे वाहन फंसने से आवागमन मुश्किल हो जाता है. तुलजापुर, सेवाग्राम,दहेगांव, वरुड सहित अन्य जगह समस्या कायम ही है. 

    रेलवे ट्रैक से सटे है अनेक गांव

    उल्लेखनीय है कि रेलवे ट्रैक से सटे अनेक गांव है. इन गांवो में जाने के लिए रेलवे ने गेट लगाए थे. गेट की देखभाल, दुर्घटना व रेल की स्पीड को ध्यान में रखते हुए गेट बनाए गए थे. परंतु गुजरने वाली प्रवासी गाडियों के कारण नागरिकों को ट्रेन आने पर देर तक गेट खुलने की प्रतीक्षा करनी पडती थी. कई बार गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कते होती थी.

    इस संबंध में बढती शिकायतों को देखते हुए रेलवे विभाग ने रेलवे गेट समीप अंडरग्राऊंड टनल बना दिये. तांकि लोगों का आवामन जारी रहे व समय भी बच सके. परंतु टनल का निर्माण करते समय सही तरह से ध्यान नही देने से टनल अब परेशानी का कारण बन गए है.

    सांसद का आश्वासन नहीं आया काम

    इस संदर्भ में गत वर्ष सांसद रामदास तडस से पीडित गाव के नागरिकों ने चर्चा की थी. उस वक्त सांसद तडस ने रेलवे विभाग को सूचित कर टनल के पुन: सर्वे करने के निर्देश दिये जाने की जानकारी देकर यह समस्या जल्द हल करने का आश्वासन दिया था, परंतु एक वर्ष बाद भी सांसद तडस का आश्वासन काम नही आया. टनल की समस्या जस की तस बनी हुई है.

    समय पर नही पहुंच सकते अस्पताल मरीज

    सेवाग्राम में बडा अस्पताल होने के कारण यहां जिले के साथ अन्य जगह से मरीज इलाज हेतू आते है. सेलू, हिंगणा तहसील के साथ दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को पवनार – सेवाग्राम मार्ग लाया जाता है. तथा सेवाग्राम में इलाज कर रहे मरीज को अनेक बार नागपुर भी रेफर किया जाता है. नागपुर जाने के लिये सेवाग्राम- पवनार मार्ग शार्टकट होने से मरीजों को इस मार्ग ले जाया जाता है. परंतु  टनल में बारिश के दिनों में पानी जमा रहता है. परिणामवश अनेक लोग समय पर अस्पताल नही पहुंच सकते. 

    मांगली अंडरब्रीज में तीन फूट तक भरा पानी

    क्षेत्र में गत तीन दिनों पूर्व हुई बारिश से अंडरब्रिज में 3 फिट तक पानी जमा हो गया है. जिससे लोगों का आवागमन मुश्किल होकर 15 किमी का फेरा करना पड रहा है. सिंदी से नागपुर जाने हेतू शार्टकट मार्ग के तौर पर अनेक लोग मार्ग सिंदी-मांगली-धवलपेठ मार्ग का इस्तेमाल करते है. यह मार्ग वर्धा-नागपुर राजमार्ग से मिलता है. सिंदी-सेलडोह मार्ग से नागपुर जाने हेतु लगभग 15 किमी से दूरी कम होने से लोग इसी का इस्तेमाल करते है.

    इस मार्ग पर रेलवे का गेट नंबर 105 आता है, जो रेलवे ने बंद कर दिया. उसकी जगह पर गेट से लगभग 200 फीट पूर्व से रेल लाइन के नीचे से यातायात हेतू अंडरब्रिज बनाया तथा एक वर्ष से अंडरब्रीज यातातया के लिए खुला कर दिया है. लेकिन बरसात में इस अंडरब्रीज में पानी भरने से यातायात प्रभावित हो रही है. एक वर्ष बाद भी अंडरब्रीज का पानी निकासी का कोई भी नियोजन नही किया गया है.

    परिणामवश अब गत तीन दिनों से जारी बारिश के चलते अंडरब्रिज में तीन फूट तक पानी जमा है. जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. 11 जून को हुई बारिश से अंडरब्रिज में तीन फीट तक पानी जमा हो गया. जिससे अनेक वाहनचालकों को वहा से दूसरी ओर रास्ता निकालना पडा.

    खेती करना हुआ मुश्किल

    स्थानीय किसानों की खेती मांगली परिसर में होने से प्रतिदिन कृषि कार्य के लिए इसी अंडरब्रिज से आवागमन करते है. जिसमें महिला मजदूर, किसानों का समावेश है. लेकिन बारिश के दौरान पानी जमा होने से यह अंडरब्रिज नागरिकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. पहली ही बारिश में यह हाल है तो चार माह कैसे बितायेंगे‍? आगे लगातार वर्षा हुई तो यह मार्ग आवागमन के लिए बंद हो जाएगा.

    एक वर्ष पूर्व बनाए इस रेलवे अंडरब्रिज में पानी भरने पर उसकी निकासी की कोई भी व्यवस्था न करना रेल विभाग की लापरवाई बया करता है. ऐसे ही हाल रहे तो किसानों का खेती करना तक मुश्किल हो जाएगा.

    इंजिन पम्प लगाकर पानी निकासी की व्यवस्था

     तत्सबंध में रेलवे सिनियर सेक्सन अभियंता राजेंद्र रॉय से मोबाईल पर चर्चा में उन्होने रविवार दोपहर तक इंजिन पम्प लगाकर पानी निकासी किए जाने की जानकारी दी तथा रोड लेवल से अंडरपास लगभग 8-10 फीट नीचे होने से यह समस्या बनी रहेगी. -राजेंद्र रॉय, सिनियर सेक्शन अभियान, रेलवे