रेलवे के टनल बने मुसीबत, आवागमन की समस्या

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  • नागरिक परेशान
  • बारीश में जमा होता है पानी

वर्धा. रेलवे गेट से लोगों को हो रही परेशानी तथा समय की बर्बादी से निजाद दिलाने के लिए जगह-जगह रेलवे ने टनल बनाये गये. परंतु निर्माणकार्य सही तरह से नही होने से यह टनल ही ग्रामीण व नागरिकों के लिए मुसीबत बन गए है. बारिश होने पर टनल में करीब एक-एक फूट तक पानी जमा रहने से वाहनों का आवागमन मुश्किल हो गया है. टनल को अंधा मोड देने के कारण दुर्घटनायें भी बढ गई है.

ज्ञात रहे कि, रेलवे ट्रक से सटे हुये अनेक गाव है. जिससे इन गावों में जाने के लिये रेलवे ने गेट लगाये थे. गेट की देखभाल, दुर्घटना व रेल की स्पीड को ध्यान में रखते हुये गेट बनाए गए थे. परंतु जिले से गुजरनेवाली प्रवासी गाडियों की संख्या 147 के करीब तथा माल गाडियों के कारण नागरिकों ट्रेन आने पर देर तक गेट खुलने की प्रतिक्षा करनी पडती थी. कई बार गंभीर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में भी दिक्कतें होती थी.

इस संबंध में बढती शिकायतों को देखते हुए रेलवे विभाग ने रेलवे गेट समीप अंडरग्राऊंड टनल बना दिये. ताकि, लोगों का आवागमन जारी रहे व समय भी बच सके. परंतु टनल का निर्माण करते समय सही तरह से ध्यान नही देने से यह टनल ही परेशानी का कारण बन रहे है. बुटीबोरी से वर्धा तक करीब 7 से 8 टनल बनाए गए है.

वर्धा में दो टनल होकर एक इतवारा से आनंद नगर की ओर जानेवाले पर तथा दूसरा पूराने श्मशानभूमि परिसर में है. वही तुलजापुर-दहेगांव मार्ग, सेवाग्राम-पवनार मार्ग,दहेगांव स्टेशन, वरुड सहित अन्य जगह टनल बनाए गए है. लेकिन टनल की ऊंचाई काफी कम है. तथा टनल की और जाने के अंधा मोड बनाया गया है.जिससे आमने सामने से आनेवाले वाहन एकदुसरे को नही दिखने से हमेशा दुर्घटना होने का खतरा बना है.

टनल से बडा वाहन गुजरे नही इसके लिये टनल के बाहर पोल गाडे गये है. किंतु यह पोल का गेट किसानों के लिये परेशानी का कारण बन गया है. बोरवेल तथा हार्रवेस्टर टनल से गुजर नही सकते जिससे किसानों के सामने गंभीर समस्या निर्माण हो रही है. बारिश होने पर टनल में करीब एक-डेढ फूट तक पानी जमा होता है. जिसमें वाहन फंसने से आवागमन मुश्किल हो जाता है. तुलजापुर, दहेगाव,वरुड सहित अन्य जगह टनल पर अभी भी यह समस्या कायम ही है.

हालाकि, बारिश का जमा होनेवाला पानी निकालने के लिए दो मशीने लगाई गई है. परंतु मशीन तक काम नही करती. फलस्वरुप आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है. गत दो दिनों से जिले में जारी बारिश के कारण इन टनल में पूरी तरह से पानी भर गया है. जिससे लोगों का गुजरना मुश्किल होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

दो से तीन दिन जमा रहता है पानी

वरुड परिसर में दो वर्ष पूर्व टनल बनाया गया. परंतु इस टनल में पानी जमा रहने से काफी परेशानी हो रही है. पानी निकालने के लिए यहा दो मशीने भी लगाई गई है. परंतु मशीनों से पानी नही निकलता. तीन-तीन दिनों तक पानी भरा रहता है. जिससे वाहन फंस जाते है. इस संबंध में सांसद तडस से शिकायत की गई थी. परंतु अभी भी हल नही निकला है. टनल से ग्रामीणों की काफी दिक्कते बढ गई है.

- महानंदा ताकसांडे, पंस सदस्य, वरूड

टनल के कारण परेशानी बढी

नागरिकों की सुविधा हेतू टनल बनाया गया.किंतु टनल के कारण समस्या निर्माण हो रही है.बारीश के दिनों में टनल पानी जमा होता है.तेज बारीश होने पर मार्ग ही बंद रहता.इस संदर्भ में रेलवे की और शिकायत की गई थी.तब रेलवे अधिकारी व सांसद तडस के और से अवलोकन कर कुछ सुधार किया गया.परंतु समस्या कायम है.टनल की एक और अंधा मोड होने से दुर्घटना का खतरा निरंतर बरकरार है.-

राजश्री गावंडे, सरपंच दहेगाव स्टे.

टनल का नये से सर्वे होगा

रेलवे व्दारा बनाये गये टनल के कारण ग्रामीणों तथा वाहन चालकों को आनेवाली दिक्कतो के संदर्भ शिकायते प्राप्त हुई है. जिससे रेलवे विभाग को सुचित कर टनल के पुन: सर्वे करने के निर्देश दिये गये है.इस संदर्भ में रेलवे विभाग से निरंतर पत्राचार किया जा रहा है.यह समस्या हल करने की कोशीश जारी है.जल्द ही हल निकलेगा

रामदास तडस, सांसद