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  • प्रशासन ने ध्यान देने की जरूरत, गाँव की बढ सकती आय

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गजानन गावंडे 

वर्धा. शहर से सटे सालोड हीरापुर व रोठा गाव के तालाब पर्यटनस्थल के रूप में विकसित हो सकते है. सरकार व प्रशासन के साथ ही राजनेताओं ने इस दृष्टी से पहल करने की आवश्यकता है.दोनों तालाब शहर से केवल 5 किमी के दायरे में होने के कारण यहां पर्यटकों भिड उमडी सकती है.जिससे गाव की आय तो बढेगी साथ ही स्थानिय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

वर्धा- यवतमाल मार्ग पर सालोड गाव बसा है. वर्धा शहर केवल 5 किमी पर गाव होने से राजनीतिक व सामाजिक दृष्टी महत्व प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय महामार्ग 361 व वर्धा – नांदेड रेललाईन गाव से गुजरती है. जिससे परिवहन की सुविधा भी यहां बडे पैमाने पर उपलब्ध है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 19 अप्रैल 1959 को देश की पहली ग्रामपंचायत के रूप सालोड ग्रापं भवन का उद्घाटन किया था. इस वर्ष ग्रापं ने हिरक महोत्सव भी मनाया. वर्धा शहर व सावंगी गाव की विस्तारिकरण तेजी होने से सालोड गाव वर्धा जुडा है. 2011 की जनसंख्या में गाव में 8 हजार जनसंख्या थी. किंतु गाव शहर से सटा होने

से जनसंख्या में वृद्धि होकर 18 हजार के करीब पहुंच चुकी है.रोठा का तालाब भी शहर की सिमा से केवल 3 किमी की दुरी पर है.यह तालाब प्राकृतिक सौंदर्य के साथ बडा होने के कारण इसका विकास करने पर बोटिंग की सुविधा के पास नागरिकों भ्रमण का केंद्र बन सकता है.पंक्षी प्रेमियों के लिये रोठा का तालाब आकर्षण का केंद्र रहा है.शितकाल में अनेक पंक्षी यहां आते है.

25 एकड में है तालाब

गाव में तालाब की निर्मिति काफी वर्ष पूर्व की गई है. तालाब  शिवकालिन होने की जानकारी ग्रामीणों ने दी. करीब 25 एकड में यह तालाब फैला हुआ है. तालाब के पानी का उपयोग ग्रामीण करते आ रहे है. किंतु अनेक वर्षा से तालाब की और अनदेखी होने के उसके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया था.

सिद्धीविनायक मंदिर की पहल

विधायक डा.पंकज भोयर के प्रयास के चलते मुंबई के सिद्धी विनायक मंदिर ने तालाब के गहराईकरण हेतू 67 लाख की राशि दी थी. जिससे गहराईकरण, पत्थर पिचिंग कर  तालाब को बचाने का कार्य किया गया. शहर से सटाबडा तालाब होने के कारण उसके विकास के लिये भी विधायक भोयर ने प्रयास शुरू किये. तालाब का समावेश पर्यटनस्थल में करने के मांग कर प्रशासनिकस्तर प्रस्ताव भेजा गया था.

सौंदर्यीकरण व बोटिंग व्यवस्था हो

तालाब को लगकर ही वनविभाग 50 एकड भूमि है. तालाब के सौंदर्यीकरण के साथ इस भूमि की कुछ जगह पर गार्डन बनाया गया तो पर्यटनस्थल के रूप विकसित हो सकता है. साथ ही बोंटिंग की सुविधा उपलब्ध होने से पर्यटकों कीसंख्या में वृद्धि होकर गाव की आय बढोत्तरी हो सकती है.

दोनों तालाब बने पर्यटन स्थल बने

रोठा व सालोड का तालाब वर्धा शहर के समिप है.शहर से सटी 14 बडी ग्रापं है.जिससे नागरिकों को दो नये पर्यटन स्थल मिल जायेंगे. वर्धा शहर में कोई बडा ग्रार्डन नही है.साथ ही बोंटिंग सुविधा नही होने के कारण नागरिक अन्य जगह जाकर बोटिंग का लुप्त उठाते  है.दोनों जगह गार्डन के साथ बोटिंग की सुविधा बनाई गई तो गाव की आय भी बढेगी.तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के साथ परिसर का विकास भी होगा.

सरस्वती मडावी, जिप सदस्य तथा सभापति

तत्कालिन पालकमंत्री को ज्ञापन दिया

तालाब परिसर का विकास करने हेतू तत्कालिन पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को 26 जून 2019 को ज्ञापन दिया गया था. जिस पर पालकमंत्री ने संबंधितों को प्रस्ताव भेजने के लिये कहां गया था. दो करोड रूपये का प्रस्ताव भेजा गया.किंतु अबतक राशि नही मिली. परिसर का विकास करने पर परिसर के गाव व वर्धा नागरिकों के लिये एक पर्यटनस्थल विकसित हो सकता है.

आशिष कुचेवार पूर्व तहसील अध्यक्ष भाजपा