Lohari
File Photo : PTI

  • सूर्य देवता को दिया जाता है धन्यवाद

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पुलगांव. सिख धर्म का त्योहार लोहडी का पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पहले ही मनाया जाता है. इस बार 13 जनवरी को मनाया जाएगा. महाराष्ट्र में संक्रांति, केरल में पोंगल, पंजाब व हरियाणा में लोहडी के नाम से पर्व जाना जाता है. नई फसल घर आने का और सर्दियों के मौसम खत्म होने का प्रतीक माना जाता है. पंजाब और हरियाणा में इस दिन सरकारी अवकाश रहता है.

लोहडी उत्सव को मनाने में किसान आग जलाकर चारों ओर नाचते गाते हैं. अग्नि में फसल के दो भेंट करते है. इस उपलक्ष्य में दुल्ला, भट्टी की भी चर्चा होती है. इस अवसर पर सुंदरी, मुंदरी की कहानी सुनाते है. साथ ही लोहडी के गीतों में सूर्य देवता की वापसी धन्यवाद दिया जाता है. इस परंपरा में राजा दक्ष और उनकी पुत्री सती दामाद शिव की कहानी भी जुड़ी हुई है. इस उत्सव को पंजाबी समुदाय बड़े ही उत्साह से मनाते है.

किसानों के लिए नव वर्ष

manju batraलोहडी का पर्व पंजाब और हरियाणा के किसान नववर्ष के रूप में मनाते है. इस दिन नई फसल घर पर लाते है. नवजात शिशु व नववधुओं का स्वागत किया जाता है. इस दिन अग्नि जलाकर रेवडी, तिल के लड्डू, गजक का प्रसाद बाटा जाता है. सभी को नववर्ष की बधाई दी जाती है. -मंजू बतरा, पूर्व नगराध्यक्ष.

 

खुशियां मनाने का त्योहार लोहडी

bansilal arora यह खुशियां मनाने का त्योहार है. त्योहार की मान्यता में शिवजी की पत्नी सती दुल्हा भट्टी, सुंदरी मुंदरी और नई फसल के आगमन की प्राप्त है. आग जलाकर उस अग्नि में मूंगफल्ली, रेवडी, तिल की आहुति देकर अपना पूजना करते है. -बंसीलाल अरोरा, व्यवसायी.

 

मिलजुलकर के मनाते है पर्व

khuranaपरिवार के नये वधुओं व नवजात शिशुओं के आगमन पर लोहडी में स्वागत करते है. सभी समाज बंधु गिले शिकवे भुलकर मिलजुल कर लोहडी मनाने का उत्साह ही द्विगुणीत करते है. नई फसल का स्वागत ही लोहडी है. -खुराना, व्यवसायी.

 

मक्के की रोटी, सरसों के साग का महत्व

girish choudhariपंजाब, हरियाणा की शान लोहडी का त्योहार बड़े ही जोश के साथ मनाया जाता है. अलाव जलाकर पंजाबी ढोल पर बहन बेटियां सजधज कर अलाव की प्रदक्षिणा कर नृत्य करती है. अग्नि में मकई, लाई, तिल्ली, रेवड़ी चढ़ाकर प्रसाद वितरण के साथ पंजाबी सरसों का साग, मक्के की रोटी, मख्खन परोसने का महत्व आज भी कायम है. -गिरीष चौधरी, पूर्व नगराध्यक्ष