- किसान सभा, सीटू, जनवादी महिला संगठन ने दिया धरना
वर्धा. संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के आदेशानुसार शनिवार को स्थानीय किसान सभा, सीटू, एवं जनवादी महिला संगठन, किसान-कामगार आंदोलन समिति की ओर से बजाज चौक में दोपहर 12 से 2 बजे तक धरना आंदोलन कर को ‘खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिन मनाया गया़ आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर तीनों किसान कानून रद्द करने की मांग की़ 26 जून को दिल्ली स्थित किसानों के आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए है़.
इस दौरान 522 किसान आंदोलक शहीद हुए़ फिर भी केंद्र सरकार किसान विरोधी तीनों कानून रद्द करने को तैयार नहीं है़ ठेका पद्धति से खेती कानून लागू करना, जीवनावश्यक वस्तू कानून रद्द करना, कृषि उपज बाजार समिति का कानून रद्द करना यह व्यापारियों के हीत में निर्णय केंद्र सरकार ले रही है़ इन कानूनों से महंगाई बढ़ गई है.
सोयाबिन तेल के दाम 175 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए है़ं रासायनिक खादों के दाम दुगने हो गए, बिजली के बिल भी आगामी काल में बढ़नेवाले है़ं काले कृषि कानून, रेल का निजीकरण, एलआईसी का निजीकरण आदि निर्णय हुकूमशाही पद्धति से प्रधानमंत्री ले रहे हैं, ऐसा आरोप आंदोलनकारियों द्वारा किया गया है.
सरकार का अघोषित आपातकाल
पेट्रोल, डीजल के दाम सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किए जा रहे़ शतप्रतिशत रुपयों पर महंगाई हुई है़ युवाओं को रोजगार नहीं. पढ़ाई भी महंगी हुई है़ 26 जून 1975 को इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू कर हजारों राजनेताओं को जेल में डाला था़ जिसका परिणाम उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ा. मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें देशद्रोही ठहराया जाता है़ यह एक प्रकार का अघोषित आपातकाल है़ जिसके खिलाफ जनता ने संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किसान सभा के यशवंत झाडे ने किया.