- कलेक्ट्रेट समक्ष दिया धरना
वर्धा. राजस्व कर्मी, शिक्षक, आंगनवाड़ी कर्मचारी, मजदूर युनियन सहित विविध विभागों के कर्मचारियों ने विविध मांगों को लेकर गुरुवार को देशव्यापी हड़ताल में शामील हुए़ इससे सभी सरकारी दफ्तरों में दिनभर सन्नाटा छाया रहा और कामकाज भी प्रभावित रहा़ कर्मचारी संगठनों ने जिलाधिकारी कार्यालय समक्ष धरना देते हुए घोषणाबाजी की.
राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन महाराष्ट्र जिला शाखा ने जिलाधिकारी को मांगों का निवेदन सौंपा़ 1982 की पुरानी पेन्शन योजना लागू करने, निजीकरण-ठेका पध्दति रद्द कर अंशकालीन व ठेका कर्मियों को नियमित करने, अवधीपूर्व सेवानिवृत्ति की जटील शर्त रद्द करने, केंद्रीय कर्मियों की तर्ज पर राज्य कर्मियों सभी भत्ते मंजूर करने, सभी संवर्ग के रिक्त पदों को भरने, चतुर्थश्रेणी कर्मी, जिप, कर्मचारी, शिक्षकेत्तर कर्मियों की लंबित मांगो को पूर्ण करने, अन्यायकारक किसान बील रद्द करने, बेरोजगारों को प्रतिमाह 7,500 रुपए भत्ता व प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज की आपूर्ति करने, मनरेगा में जरुरतमंदों को न्यूनतम 200 दिनों तक काम देने सहित अन्य महत्वपूर्ण मांगों को लेकर यह आंदोलन किया गया. जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया. कृषि विभाग के शतप्रतिशत कर्मी हड़ताल में शामील हुए थे.
आंदोलन के दौरान संगठन के पदाधिकारी हरिशचंद्र लोखंडे, विजय कोंबे, महेंद्र सालंकर, मनोहर चांदुरकर, सुरेशकुमार बरे, प्रमोद खोडे, के़ पी़ बर्धिया ने अपने संगठन की भूमिका रखी़ हड़ताल में संजय मानेकर, सचिन देवगिरकर, दीपक धाबर्डे, लंगडे, दिलीप गर्जे, एन आर पवार, अमोल गोहणे, प्रकाश खोत, भोमले, राजेंद्र मेघे, ए़ ए़ आत्राम, पद्माकर वाघ, विनोद भालतडक, अरविंद बोटकुले, प्रशांत भोयर, रितेश करोडे, नाना ढोक, अमोल पोले, राजू लभाने, मेश्राम, अवधूत कावले, कमल भैसारे, एम़ के़ महाजन, नागतोडे, परगाडे, कृष्णा टाठे, वैशाली झाड़े, वलगांवकर, नितिन तराले, बाबासाहेब भोयर, ओंकार धांदे, पंकज आगलावे, किशोर देशपांडे, पी़ के़ बमनोटे, संजय ठाकरे, अतुल जाधव, मनोज धोटे, दिनेश भोयर, पूनम मड़ावी आदि विविध कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी व सदस्यगण शामिल हुए थे.