वर्धा. पिछले वर्ष लौटती बारिश के कारण सोयाबीन की उपज पर गिरावट हुई थी़ इस वर्ष शुरूआत में ही खोड़मक्खी का बड़े पैमाने पर प्रकोप दिख रहा है़ बुरशीजन्य रोगों ने आक्रमण करने से सोयाबीन फसल पीली गिर रही है़ जिससे किसानों के संकट में वृद्धि होकर सोयाबीन उत्पादन में गिरावट होने की संभावना है़ पिछले वर्ष की तुलना में जिले में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की बुआई की है़ जिससे कुछ किसानों द्वारा उगाई क्षमता कम रहने से ब्रीज प्रक्रिया कर बुआई की थी.
शुरुआत को बारिश नदारद हो जाने के कारण फसल नहीं अंकुरी थी़ उपरांत बारिश ने दस्तक देने के बाद किसानों के चेहरों पर समाधान दिख रहा था़ लेकिन कुछ दिनों से सोयाबीन फसल पर खोडमक्खी का प्रकोप बढ रहा है़ जिसमें बुरशीजन्य रोगों ने आक्रमण करने से सोयाबीन की फसल पिली होकर सुकने लगी है.
जिससे किसानों में चिंता बढ गई है़ समय पर उपाययोजना नहीं करने पर फसल पूर्णत: चौपट होने का संकट है़ कृषि विभाग की ओर से किसानों के खेत में जाकर सर्वेक्षण किया़ फिर भी सोयाबीन फसल में खोडमक्खी के प्रकोप दिख रहा है़ किसानों को उचित मार्गदर्शन करने की जरूरत है.
खर्च में हुई वृद्धि
शुरूआत से ही सोयाबीन फसल पर खोड मक्खी का प्रकोप दिखाई देने से दवाई छिड़काव के खर्च में अतिरिक्त वृद्धि हुई है़ खोडमक्खी के प्रकोप से बचने के लिए शुरूआत को किसानों ने कृषि विभाग के मार्गदर्शन में बीज प्रक्रिया की थी़ जिसमें भी किसानों का काफी खर्च हुआ है़ इस वर्ष उपज कम होने की संभावना के कारण लागत खर्च निकलेगा या नहीं, ऐसी चिंता किसानों को सता रही है.