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  • ग्रामीण इलाकों में जलने लगे अलाव

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वर्धा. इन दिनो मौसम का रुख अचानक बदल गया है. विगत दो दिनों से सर्द हवाओं के कारण ठंड बढ़ गई है. पारा लुढ़कने से फिर से ग्रामीण इलाकों में अलाव जलने लगे हैं. गत सप्ताह भर जिले में बदरीला मौसम बना रहा, जिससे अचानक ठंड गायब ही हो गई थी. तापमान बढ़ने के कारण फसलें भी प्रभावित हुई थी.

चना, गेहूं फसल के लिए अब ठंड की जरूरत है, लेकिन बदरीले मौसम के साथ जिले में कुछ जगहों पर बूंदाबांदी तक हुई. परंतु गत तीन दिनों से मौसम साफ होने के साथ ही वातावरण में बदलाव देखा जा रहा है. सर्द हवाओं के कारण ठंड महसूस हो रही है. शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में ठंड की तीव्रता अधिक है. शाम होते ही ठंड महसूस होती है, जिससे ग्रामीण देहातों में अलाव जलने लगे है. हर कोई ठंड से बचने उनी कपड़ों का इस्तेमाल कर रहा है.

शीतलहर से दलहन फसलों को संजीवनी

क्षेत्र में सूख रही दलहन फसलों के लिए शीतलहर संजीवनी का काम कर रही है. जनवरी के पहले सप्ताह में अचानक तापमान में इजाफा होने से दलहन फसलों को नुकसान पहुंच रहा था. फसल की सुरक्षा को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गयी थी. अब दिन ब दिन तापमान में गिरावट होती हुई देखी जा रही है. स्थानीय किसानों का कहना है कि फिलहाल मौसम दलहन के लिए अनुकूल है. चना, मटर में अधिक तापमान को लेकर फूल नहीं आ रहे थे. यदि लगातार और दस दिनों तक ठंड और दिन में हल्की धूप बनी रही तो विपरीत मौसम की वजह से पूर्व में हुए नुकसान की भरपाई कुछ अंशों में निकल सकती है. किसान दिनेश वाघमारे, विजय तलवेकर, अल्पभूधारक किसान मनोज फटिंग का कहना है कि लगातार मौसम के फेरबदल से फसल को बचाना मुश्किल हो रहा था. 

फसलों की होगी अच्छी ग्रोथ

हालांकि वर्तमान मौसम में फसलों की ग्रोथ अच्छी रहेगी. इसके बावजूद किसानों को सावधान रहने की जरूरत हैं. शुरूआती दौर में लगाई गई दलहन में बढ़ती ठंड से गलका रोग लगने की आशंका है. फसलों में ऐसे लक्षण दिखाई पड़ने पर किसानों को अविलंब कृषि विशेषज्ञों की सलाह ले लेनी चाहिए. कुल मिलाकर मौसम बेहतर साबित होगा फिलहाल तो ऐसा प्रतीत होता है.