- सार्वजनिक स्थान पर जलाने पर लगाई रोक
वर्धा. होली के त्योहार पर कोरोना का साया गहरा होता जा रहा है. शनिवार की रात 8 बजे से कर्फ्यू लागू होने के कारण होली के आनंद पर पानी फिर गया है. रविवार को होलिका दहन सार्वजनिक तौर पर न होते हुए घर के परिसर में होलिका दहन विधि करनी होगी. जिले में बढ़ते संक्रमितों के कारण जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने शनिवार से मंगलवार सुबह 8 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया है. अत्यावश्यक सेवा छोड़कर अन्य सभी सेवाएं बंद रहेगी.
नागरिकों को घूमने से मना किया गया है. इसके चलते होली के दोनों दिन नागरिकों घर में ही होली का आनंद लूटना होगा. सदियों से होली के दिन होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है. युवा व नागरिक अपने परिसर सार्वजनिक तौर पर शाम के समय होलिका दहन करते है. होलिका दहन होने के उपरांत महिलायें पूजन करती है. परंतु इस बार यह परंपरा खंडित होने वाली है. प्रशासन के निर्णय के कारण सार्वजनिक परिसर में होलिका दहन पर कर्फ्यू के कारण पाबंदी लगाई है. परिणामस्वरूप नागरिकों घर के परिसर में तैयारी कर होलिका दहन करना होगा.
नागरिकों में नाराजगी का माहौल
होली का त्योहार वर्ष में एक बार आता है. रंगों के त्योहार के रूप में सभी उसे हर्षोल्लास के साथ मनाते है. किंतु इस उस पर ग्रहण लगने से नागरिकों नाराजगी है. नागरिकों का कहना है की सभी को अपने स्वास्थ्य की चिंता है. परंतु बरसों से चली आ रही परंपरा कैसे तोड़ सकते है. प्रशासन ने सार्वजनिक परिसर में होलिका दहन करने की अनुमति देनी चाहिए थी. अनेकों के घर में आंगन नहीं है, जिससे वे कहां होली जलाए, यह प्रश्न भी उपस्थित किया है.
रंग व पिचकारियों की बढ़ी मांग
कर्फ्यू के कारण रविवार को दूकानें बंद रहने के कारण शनिवार को मार्केट में रंग व पिचकारी की खरीदी के लिये नागरिकों की भीड़ उमड़ी. बच्चे अपना आनंद कम नहीं करना चाहत, जिससे वे पालकों से रंग व पिचकारी खरीदने की रट लगा बैठे थे. परिणामवश पालकों उन्हें खरीदकर देना पड़ा.
शाम 6.30 बजे से होलिका दहन
रविवार को होलिका दहन किया जाएगा. दहन का शुभ मुहूर्त शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक रहेगा. इसके बाद चौघड़िया में शुभ, लाभ व अमृत के दौरान भी होलिका दहन किया जा सकता है. रंगपंचमी के दिन रंगों से खेलने की परंपरा है. होलिका दहन के दिन भद्रा योग दोपहर एक बजे तक रहेगा.
सार्वजनिक होली नहीं जलेगी
कर्फ्यू के कारण किसी को भी सार्वजनिक तौर पर होलिका दहन की अनुमति नहीं है. नागरिक अपने घर के परिसर में छोटी होली जला सकते है, जिससे परंपरा भी नहीं टूटेगी.
-अर्चना मोरे, निवासी उपजिलाधिकारी.
प्रशासन का निर्णय स्वागतार्ह
कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन ने सार्वजनिक होलिका दहन व रंगपंचमी पर प्रतिबंध लगाया है. यह निर्णय स्वगतार्ह है. परंतु 60 घंटे के कर्फ्यू के कारण छोटे व्यवसायी व हाथगाड़ी पर व्यवसाय करने वालों पर संकट आया है. उत्सव आनंद के लिये होते है. परिणामवश किसी के आनंद पर पानी नहीं फेरना चाहिए. प्रशासन व नागरिकों को सजगता से रहना आवश्यक है.
-संजय इंगले तिगांवकर,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य-अ.भा.अंनिस.