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    वर्धा. कोरोना संक्रमित मरिज के लिए जरुरी रेमडेसिविर इंजेक्शन के आपूर्ति को लेकर जनता में संभ्रम है़ जिलाधिकारी कार्यालय से मरिजों को वैयक्तीकरुप से इंजेक्शन की आपूर्ति की जाती है, ऐसी गलतफैमी निर्माण हुई है़ जिलाधिकारी कार्यालय से केवल कोवीड मरिज के लिए ही उनकी मांग के अनुसार वितरण की ओर उपलब्ध संचय के अनुसार कोटा मंजूर किया जाता है़ किसी भी मरिज को वैयक्तीक रुप से इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं की जाती़ जनता इस प्रकार की अफवाह पर विश्वास न करें, ऐसा आहवान उपजिलाधिकारी नितीन पाटील ने किया है.

    बता दे कि, कोवीड अस्पताल में मरिजों के परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने के लिए कहा जाता है़ परिजन मरिज की जान बचाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश में जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंच कर उपजिलाधिकारी नितीन पाटील की ओर इंजेक्शन की मांग करते है़ इंजेक्शन की आपूर्ति न होने पर परिजन कई बार विवाद पर उतर आते है़ जनता में फैले इस गलतफैमी को दूर करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा यह बात स्पष्ट की गई.

    जिला स्वास्थ्य विभाग तथा खाद्य व औषध प्रशासन विभाग की मार्गदर्शक सूचना पर ही जिले के डिस्ट्रीब्यूटर की ओर उपलब्ध संचय के अनुसार किस वितरक से कितने रेमडेसिविर इंजेक्शन किस कोवीड अस्पताल को आपूर्ति किये गए इतना ही नियोजन जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से किया जाता है.

    प्रत्यक्ष में रेमडेसिविर इंजेक्शन जिलाधिकारी कार्यलय में उपलब्ध नहीं रहता, ऐसा भी बताया गया़ संक्रमित मरिज की तीव्रता के अनुसार उतरते क्रम में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने को लेकर सरकार की मार्गदर्शक सूचना है़ इसके अनुसार काम चल रहा है़ जिला शल्य चिकित्सक की शिफारस के अनुसार उपलब्ध औषधी संबंधीत कोवीड अस्पताल में जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से केवल कोटा मंजूर कर वितरण निश्चित किया जाता है.

    मंजूर किया गया कोटा संबंधीत वितरक से प्राप्त कराने की जिम्मेदारी संबंधीत कोवीड अस्पताल की होती है़ किस मरिज को इंजेक्शन दिया जा रहा है, उनके नाम सहित मार्कर पेन से वितरण की ओर पंजीयन होता है़ मरिज को औषधी वितरीत होने के बाद इंजेक्शन की खाली बोतल जमा कर उडण दस्ते को देना अस्पताल के लिए अनिवार्य किया गया है.