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    वर्धा. राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत की उपस्थिति में शिवसेना के दो गुट आपस में भिड़ गये. एकदूसरे पर भड़ास निकालने के उपरांत बात हाथापाई तक चली गई. इस दौरान एक नेता को तमाचा भी जड़ा गया़  घटना के बाद सुरक्षाबल के कर्मियों ने हुड़दंग मचाने वालों को बाहर निकाला़  परंतु मंत्री की उपस्थिति में यह घटनाक्रम होने के कारण शिवसेना की गुटबाजी पुन: उभरकर सामने आयी है. विश्रामगृह में घटे इस घटनाक्रम वीडियो भी वायरल हो गया है.  

    बता दें कि शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत पार्टी के आदेश के अनुसार वर्धा आये पहुंचे थे. सुबह 11.30 बजे उनका विश्रामगृह पर आगमन हुआ. इस दौरान दोनों गुटों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे. जहां पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ सामंत ने बैठक ली. तत्पश्चात सामंत जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाने के लिये निकले. इस दौरान हिंगनघाट के पूर्व पदाधिकारी सीताराम भुते व संपर्क प्रमुख अनंत गुढे, जिलाप्रमुख बाला शहागडकर में विवाद शुरू हुआ. 

    आपे से बाहर कार्यकर्ताओं में हुई हाथापाई 

    दोनों गुटों ने एकदूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू किया, जिससे परिस्थिति आपे के बाहर हो गई. मंत्री सामंत के सामने ही दोनों गुटों ने एकदूसरे की खिंचतान की. परिणामवश स्थिति और बिगड़ने लगी. इस दौरान एक गुट के नेता ने जिले के एक बड़े नेता को तमाचा जड़ते हुए उनकी पिटाई शुरू कर दी. स्थिति नियंत्रण के बाहर होते देख पुलिस व वरिष्ठ शिवसैनिकों ने बीचबचाव की, जिसके बाद मंत्री का काफीला जिलाधिकारी कार्यालय की ओर निकला.

    गुढे–शिंदे पहुंचा विवाद चरम पर

    बीते दो वर्ष से संपर्क प्रमुख अनंत गुढे व सेना के उपनेता तथा पूर्व राज्यमंत्री अशोक शिंदे में विवाद चल रहा है. जिलाप्रमुखों की नियुक्ति के बाद यह विवाद गंभीर मोड पर चला गया है. हाल ही में गुढे के नेतृत्व में हिंनगघाट नप के भाजपा के 10 पार्षदों ने सेना में प्रवेश लिया था. शिंदे हिंगनघाट के तीन बार विधायक रहने के बावजूद उनका पार्टी में किसी प्रकार का वजूद नहीं रहा था. परिणामवश उनके गुट में नाराजी पनप रही थी. यह नाराजगी आज विस्फोट के रूप में उभरकर आयी है.

    गुढे ने जानबूझकर ज्ञापन देने से रोका

    हिंगनघाट में इंजीनियरिंग कालेज देने के संदर्भ ज्ञापन देने के लिये विश्रामगृह पर गया था. इस दौरान संपर्क प्रमुख अनंत गुढे ने बीच में अड़ंगा डालकर ज्ञापन देने से रोका, जिससे मैंने आपत्ति जताई. मैं शिवसेना का निष्ठावान हूं. मुझे ही आज ज्ञापन देने से रोका जा रहा है. गुढे गुटबाजी की राजनीति कर रहे हैं.

    -सीताराम भुते, शिवसैनिक. 

    भुते का सेना से किसी प्रकार का संबंध नहीं

    सीताराम भुते का शिवसेना के साथ कोई संबंध नहीं है. स्वयं का महत्व बताने के लिये कुछ व्यक्ति हंगामा मचाते है. भुते आज ज्ञापन देने के लिये आये थे. मुंह में मास्क नहीं होने के कारण शिक्षा मंत्री सामंत ने उन्हें मास्क लगाने के लिये कहां था. विश्रामगृह में किसी प्रकार का हंगामा नहीं हुआ है.

    -अनंत गुढे, संपर्क प्रमुख-शिवसेना