14 more increase: 338 positive numbers, 7 most in Badnera, Corona also in Narayan Nagar

  • वर्धा जिला कोरोना मुक्त कैसे?

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वर्धा. अंतत: प्रशासन ने गुरूवार को जिला कोरोनामुक्त होने की घोषणा आननफानन में कर दी. परंतु वास्तविकता में जिला कोरोनामुक्त हुआ क्या यह अनुसंधान का विषय बन गया है. अभी भी जिले के निवासी कुछ मरिजों पर उपचार चल रहा है. फिर प्रशासन ने कोरोनामुक्त होने की घोषणा कैसे की यह सवाल उपस्थित होने लगा है.

कोरोना संक्रमण ने समूचे राज्य में अपने पैस पसारे है. 23 मार्च को राज्य सरकार ने सुरक्षितता के दृष्टीकोन से लॉकडाउन घोषित किया था. राज्य के केवल वर्धा, चंद्रपुर व गडचिरोली जिला छोडकर सभी जिलों में कोरोना ने दस्तक दी थी. चंद्रपुर में मई की शुरूवात में संक्रमित मरीज पाया गया. तत्पश्चात वर्धा में वाशिम जिले से आये वृद्ध व्यक्ति व आर्वी तहसील के हिवरा तांडा निवासी महिला कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई. महिला मृत अवस्था में सावंगी के अस्पताल में पहुंची थी. इसके बाद कोरोना संक्रमित मिलने का सिलसिला आरंभ हुआ. धामनगाव से आई युवती व उसके संपर्क में आये तीन, कारंजा में गोरखपुर निवासी मजदुर, जामखुटा में तीन, आष्टी में एक, रोहणा एक, हिंगनघाट के शिरूड में दम्पति, सावंगी निवासी नर्स, श्रमिक ट्रेन से सफर कर रहा मजदुर, आर्वी में जच्चा व बच्चा ऐसे संक्रमित मिले. मुंबई से सावंगी में आई नर्स के संपर्क में आने से उसकी ननद भी पॉजिटिव मिली.

वही बुधवार, 3 जून को तलेगांव श्यामजी पंत में अमरावती से आई नर्स भी पॉजिटिव पाई गई. वर्धा से सिकंदराबाद में उपचार के लिये गया व्यक्ति भी सिकंदराबाद में पॉजिटिव पाया गया. जिलें में करीब 21 व्यक्ति संक्रमित मिले. इनसे से केवल तीन व्यक्तियों का जिलें में निवास था. अन्य सभी मुंबई, पुणे, अकोला, सुरत से आये थे. सिंकदराबाद में संक्रमित हुए व्यक्ति को प्रशासन ने जिले की कोरोना सूची में जोडा. अन्य के संदर्भ में भी यह हाल लगभग रहा है. लेकीन जिला कोरोनामुक्त घोषित करते समय प्रशासन ने अलग ही पैटर्न प्रयोग में लाया है. आज भी आर्वी के जच्चा व बच्चा पर वर्धा में तथा तलेगांव की युवती पर अमरावती में उपचार शुरू है. एक ओर प्रशासन सिकंदराबाद में संक्रिमत हुए तथा अन्य जगह से आये नागरिकों को जिले की कोरोना सूची में जोड रहा है. तो फिर कोरोना संक्रमित होने के बाद तलेगाव में आई युवती को जोडने में परहेज कर रहा है. जिससे वास्तविकता दबाने प्रशासन द्वारा आंकडो का खेल खेले जाने की चर्चा है. हिवरा निवासी महिला के कोरोना रिपोर्ट को लेकर भी सांसद रामदास तडस, आर्वी के विधायक दादाराव केचे ने प्रश्नचिन्ह लगाया है. आज भी कुछ मरिजों पर इलाज चल रहा है. ऐसे में सच में जिला कोरोनामुक्त हुआ क्या, यह गहन का विषय है.

क्वारंटाईन की और अनदेखी
प्रशासन से अनुमति लेकर कई नागरिक जिले के बाहर जा रहे है. किंतु उनके संदर्भ में भी प्रशासन ने अलग अलग नियम लगाये है. अनुमति लेकर जानेवाले व्यक्ति की पुरी जानकारी प्रशासन के पास होती है. बावजूद इसके प्रशासन की और वह क्वारंटाईन है, की नही इसका ख्याल नही रखा जा रहा है. जिससे जिले में कोरोना पुन: कभी भी दस्तक दे सकता है.