जनता कर्फ्यू: मार्केट में छाया सन्नाटा, अन्य जगह व्यापार शुरू

  • विभिन्न व्यापारी संगठन हुए शामिल, महाविकास आघाडी ने किया था विरोध, बंद को संमिश्र प्रतिसाद

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वर्धा. महाविकास आघाडी के विरोध के बावजूद चार दिन के जनता कर्फ्यू का आगाज शुक्रवार को हुआ. कर्फ्यू की पहल नगर परिषद के पदाधिकारी व विभिन्न व्यापारी संगठनों ने की थी. किन्तु महाविकास आघाडी ने जनता कर्फ्यू का विरोध दर्शाते हुए बन्द न रखने का आवाहन किया है. जिससे महाविकास आघाडी विरुद्ध भाजपा व व्यापारी संगठन एक दूसरे के सामने खड़े हो गये थे. जिससे कर्फ्यू को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. जिसका परिणाम पहले दिन देखने को मिला. मार्केट परिसर में सन्नाटा छाया रहा तो दूसरी और अनेक दुकान शुरू रहे.

जनता कर्फ्यू के पहले दिन सब्जी, फल, होटल सहित अन्य छोटे दूकान शुरु रहे. वही शहर का जनरल मार्केट, अंबिका चौक, सराफ लाइन, दुर्गा टाकीज रोड, कपडा लाइन, दत्त मंदिर चौक परिसर में सभी प्रतिष्ठान बंद रहे. परंतु कारला चौक, आर्वी नाका, धुनिवाले मठ चौक, छत्रपति शिवाजी महाराज चौक, बैचलर रोड पर स्थित लगभग सभी प्रतिष्ठान शुरु रहे. शहर के अनेक चौक, चौराहों पर नियमित रुप से सब्जियों के दूकान लगे. साथ ही अनेक प्रतिष्ठान खुले रहे. मुख्य मार्केट छोड अन्य किसी जगह भी जनता कर्फ्यू को भारी समर्थन नही मिला. मुख्य मार्केट बंद रहने से लोगों की भीड नदारद रही. सडकों पर भी कुछ हद तक भीड कम रही.

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 सोशल मीडिया पर चला वॉर 

जनता कर्फ्यू को लेकर महाविकास आघाडी व व्यापारी संगठन आमने-सामने रहे. जिसका असर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला. एक ओर व्यापारी संगठनो ने व्यापार बंद का मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल कर सभी को समर्थन देने की अपील की. परंतु वही दूसरी ओर महाविकास आघाडी ने बंद का विरोध कर बंद न रखने का मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल किया. व्यापारी संगठन ने वाहन घुमाकर जनता कर्फ्यू की जानकारी लोगों तक पहुंचायी. दूसरी ओर महाविकास आघाडी ने शहर के पोल पर बंद न रखने के पोस्टर लगाए. जिस कारण अनेक छोटे व्यापारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. 

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 चहल-पहल रही कम 

शहर का मुख्य मार्केट पूरी तरह से बंद रहने के कारण सडकों पर चहल-पहल कम रही. जरुरी काम के लिए ही लोग घर से बाहर निकले. लेकिन अन्य जगह नियमित रुप से चहल-पहल रही.