स्वतंत्र जांच अधिकारी नियुक्त करने की मांग

  • पीडित परिवार पर बनाया जा रहा दबाव

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वर्धा. किशोरी अपहरण मामले में अब दहेगांव पुलिस की मुश्किले बढते जा रही है़ परिणामवश प्रकरण को दबाने के लिए अब पीडित परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है़ मामले की जांचपडताल के लिए नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वतंत्र जांच अधिकारी नियुक्त करने की मांग जोर पकड रही है़ 

बता दे कि, जुलाई माह के अंतीम दिनों में सामने आये इस प्रकरण को दहेगांव के थाना प्रमुख व एक कर्मचारी ने मध्यस्था की मदद से मिलिभगत कर अलग ही रुप दे दिया़ आरोपी को हिरासत में लेने के बाद बिना किसी कार्रवाई के छोड दिया गया़ साथ ही पुलिस रिकॉर्ड व बयानो में छेडछाड की़ इस प्रकरण की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच हो रही है़ उल्लेखनिय यह कि, आर्वी के एक समाजसेवी ने प्रकरण में मध्यस्था करने की चर्चा जोरो पर है़ इसमें बडी मात्रा में आर्थिक लेनदने होने की जानकारी है़ उचित दिशा में प्रकरण की जांच होने पर गंभीर बाते उजागर हो सकती है़ अब मामले को दबाने के लिए दहेगांव पुलिस पीडित परिवार पर दबाव बना रही है़ उक्त परिवार को वरुड से वर्धा में लाये जाने की जानकारी है.

पीडिता नाबालिग होने के कारण बाल लैंगिक अत्याचार प्रतिबंधात्मक कानून सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई होनी अनिवार्य थी़ परंतु दहेगांव पुलिस ने ऐसा न करते हुए घटनाक्रम को ही नया रुप देकर प्रकरण रफादफा करने की कोशीश की़ अगर बालिका स्वयं होकर घर से निकल गई तो, संदिग्ध आरोपी को बालिका के साथ हिरासत में क्यों लिया गया़ उसपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई़ इन सभी बातों का जवाब दहेगांव पुलिस नहीं दे पा रही है़ अपर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच शुरु कर दी है, परंतु अबतक किसी प्रकार के ठोस कदम वरिष्ठस्तर पर नहीं उठाये जा रहे़ इस गंभीर प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र जांच अधिकारी नियुक्त करने की मांग विविध सामाजिक व महिला संगठनों ने की है़