काम अधूरा फिर भी छोड़ा पानी, खेत हुए जलमग्न

  • निम्न वर्धा प्राजेक्ट बना सिरदर्द, अधिकारियों अनदेखी, नहरे बनी मुसिबत

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वर्धा. निम्न वर्धा बांध की नहरे किसानों के लिये फायदेमंद कम तथा मुसिबत दायक जादा साबित हो रही है. नहर काम अधुरा होने के उपरांत भी पानी छोड जाने के कारण किसानों के खेतों में पानी घुसने से उनकी फसले संकट में आयी है. वर्धा, देवली व हिंगनघाट तहसील के अनेक किसान निम्न वर्धा प्रकल्प के कारण परेशान होने की जानकारी है.

वर्धा नदी पर आर्वी तहसील के धनोडी गाव के पास निम्न वर्धा बांध की नीव चार दशक पूर्व रखी गई थी. किंतु यह प्रकल्प अपने समय सिमा में पूर्व नही हुआ. जिससे प्रकल्प की लागत बढकर 3200 करोड के पार हो गई. प्रकल्प अधुरा रहने के कारण केंद्र सरकार ने सहायता प्रदान करने के उपरांत बांध के नहरों के काम को गति प्राप्त हुई. किंतु नहरों का काम पुरा नही होने के कारण आज भी प्रकल्प अपनी सिंचाई क्षमता पूर्ण नही कर पाया है. सिंचाई क्षमता दिखाने के लिये अधिकारी नहरों का काम अधुरा होने के बावजूद पानी छोडते है. जिससे प्रतिवर्ष अनेक किसानों के खेतों मे पानी घुसने की शिकायतें प्राप्त होती है.

इस वर्ष भी प्रकल्प से रबी फसल के लिये पानी छोडा जा रहा है. देवली तहसील के टाकली दरणे परिसर की छोटी नहर क्रमांक 2 का काम अबतक पुर्ण नही हुआ. फिर भी अधिकारियों ने सिंचाई क्षमता दिखाने के लिये शनिवार व रविवार को नहर में पानी छोडा. नहर अपूर्ण होने के कारण नहर का पानी यशवंत दरणे नामक किसान के खेत में घुस गया. जिससे तीन एकड लगाई गई चने की फसल जलमग्न हो जाने से किसान का नुकसान हुआ है. किसान दरणे ने इसकी जानकारी निम्न वर्धा के अभियंता अमोल चांदेवार को दी है. वर्धा तहसील सालोड समीप के बालापुर परिक्षेत्र से निम्न वर्धा की नहर गई है. नहर का पानी रोकने हेतू गेट लगाया गया है. किंतु यह गेट अनेक दिनों से तुटा हुआ है. फिर भी नहर में पानी छोडे जाने के कारण नहर सटे के खेत में पानी घुसने ने फसल का नुकसान हुआ है. दयालनगर नगर निवासी मोहम्मद मुर्तुजा मोहम्मद वसिम मंसुरी ने इस संदर्भ में अधिकारियों के खिलाफ सावंगी थाने में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.

विजयगोपाल में भी नहर के पानी से नुकसान

महाराष्ट्र शासन के विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल अंतर्गत निम्न वर्धा नहर उपविभाग क्रमांक 3 अंतर्गत आनेवाले कोलना वितरिका के लाभ क्षेत्र के किसानों को नहर के पानी से भारी नुकसान सहना पडा. पानी छोडने के लिए बनाया गेट नादुरुस्त होकर सिंचाई विभाग की अनदेखी है. जिससे कोई भी जांच न करते हुए पानी छोडने से विजयगोपाल के प्रमोद शिरे, अरविंद डडमल, विजय दिघाडे, जगन हजारे, रमेश नानोटभ्, छोटू धुमाले, सागर झोपाटे, गणेश झोपाटे, प्रकाश नानोटी, नामदेव राऊत, नरेश गुल्हाने के खेत में पानी घुसा. जिससे किसानों के चना, कपास फसल का भारी नुकसान हुआ.

सिंचाई कार्यालय के पास अधुरी जानकारी

नहर से सिंचाई के लिये कितना पानी आवश्यक है. इसकी जानकारी सिंचाई विभाग के पास नही होती है. परिणामस्वरूप नहर से छोडे जानेवाला पानी अधिक होने के कारण पानी खेतों में प्रतिवर्ष घुसता है. जिससे सैंकडो हेक्टेयर की फसल बर्बाद होती है. अधुरी नहरे व उसकी रखरखाव के संदर्भ में भी जानकारी विभाग के नही होती है. जिससे यह समस्या निर्माण होने की जानकारी है.

अधिकारियों का नो रिसपांस

इस संदर्भ में निम्न वर्धा प्रोजेक्ट के कार्यकारी अभियंता बारापात्रे व अभियंता अमोल चांदेवार के मोबाईल पर संपर्क करने पर उन्होंने नो रिसपांस दिया. war

नुकसान का मुआवजा मिले

सिंचाई विभाग ने नहर का काम अधुरा होते हुए भी पानी छोडने के कारण चने की फसल का नुकसान हुआ है.नुकसान के लिये विभाग जिम्मेदार होने के कारण तुरंत मुआवजा मिले. – यशवंत दरणे किसान टाकली