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वर्धा. जिला परिषद द्वारा राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण अभियान, हमारा गांव हमारा विकास उपक्रम अंतर्गत आर्थिक वर्ष में जिप सदस्यों की कार्यशाला सेवाग्राम के यात्री निवास में आयोजित की गई थी. परंतु उक्त कार्यशाला से जिप सदस्यों ने मुंह फेरने की बात सामने आयी. इस दौरान मात्र चार सदस्य ही उपस्थित थे. शेष सदस्यों की अनुपस्थिति से कार्यशाला को लेकर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किये जा रहे है. 

उल्लेखनिय यह कि, 10 दिसंबर को ही तहसीलस्तर पर पंचायत समिति अंतर्गत जलकिल्लत जायजा बैठक का आयोजन किया गया था. इस संबंध में पंस प्रशासन ने जिप के पंचायत विभाग तथा सामान्य प्रशासन को पूर्वसूचना भी दी थी. इसके अनुसार जिप के मुकाअ डा़ सचिन ओम्बासे ने कार्यशाला के आयोजन की तिथि में बदलाव करने की जरुरत थी. परंतु इस संबंध में किसी प्रकार की दखल न लिये जाने के कारण दोनो कार्यक्रम एक ही दिन लिये गए.

परिणामवश अधिकांश जिप सदस्य जलकिल्लत जायजा बैठक में उपस्थित थे. जो सेवाग्राम के यात्री निवास में आयोजित कार्यशाला में नहीं पहुंच पाए़ 52 में से मात्र 4 सदस्य ही इस कार्यशाला में उपस्थित थे. वहीं 48 सदस्यों ने कार्यशाला से मुंह फेर लिया. उक्त कार्यशाला पर साडेतीन लाख रुपयो का अनुमानित खर्च होने की जानकारी है. इसमें यात्रि निवास का भाडा, भोजन आदि का समावेश है. अधिकारियों में असमन्वय के कारण उक्त लाखो का खर्च व्यर्थ होने की चर्चा जिप में सुनने मिल रही है.