आसेगांव. आसेगांव में एक दस वर्षीय बालक की डेंगू रिपोर्ट पाजिटिव आने से उक्त संक्रमण गांव में पैर पसारने के संकेत है. जिस कारण वर्तमान में गांव के लोगों के मन में डेंगू जैसी भयानक बीमारी के पसरने का भय निर्माण हुआ है. बीमारी फैलने से पूर्व ही इस का निवारण कर फैलने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए संबंधित ग्राम पंचायत प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रहने की आवश्यकता है.
क्योंकि अभी तक जिस मरीज को डेंगू संक्रमण हुआ है़ उस मरीज के संदर्भ में किसी भी तरह की कोई जानकारी दोनों विभाग के पास नही है. इस संबंधि नव भारत द्वारा दोनों विभागों को जानकारी दी गई है. जबकि उक्त बालक मरीज अमरावती के निजी अस्पताल में उपचार के लिए बीते दस दिनों पूर्व ही गया हुआ है.
उल्लेखनीय है कि गांव में भले ही गटर योजना के तहत लाखों रुपए की निधि खर्च कर गटर के कार्य किए गए हो लेकिन गांव के अनेक प्रभागों में जगह जगह जमा होने वाला गटर का पानी कार्य की पोल खोलने लगा है. वैसे भी बारीश से पूर्व गांव को संक्रमण बीमारियों से बचाने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा सफाई का नियोजन किया जाना जरूरी होता है़ लेकिन जिस तरह से गांव के अनेक हिस्सों में गटर व बरसात का जल जमा है़ उससे ऐसा लगने लगा है़.
जैसे संबंधित प्रशासन ने किसी तरह की कोई तैयारी ही नही की हो. और इसी गंदगी के कारण ऐसी संक्रमण बीमारियां पांव पसारने लगी हैं. ग्राम पंचायत के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी गांव में संक्रमण बीमारियों को लेकर सामान्य जनता को मार्गदर्शन करने की जरूरत होती है़ लेकिन जिस तरह से वर्षों बाद गांव में डेंगू का मरीज पाया गया. उससे ऐसा लगता है. जैसे स्वास्थ्य विभाग भी अपने कार्य को लेकर लापरवाही बरत रहा है.
गांव में बढ़ा मच्छरों का उत्पात
संबंधित स्वास्थ्य विभाग समेत ग्राम पंचायत को गांव में बारिश आरंभ होते ही मच्छरों को मारने वाली औषधि का छिड़काव करने की जरूरत होती है़ लेकिन दोनों विभागो ने डेढ़ माह की बरसात मौसम समाप्ति तक फौगिंग द्वारा छिड़काव तक नही किया. जिस वजह से गांव में मच्छरों का प्रकोप बड़ी मात्रा में बढ़ा हुआ है.
आगे की डेंगू मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी ना हो इस से पूर्व ही गांव में जमे हुए अलग अलग स्थानों पर गंदे पानी की निकासी को लेकर ग्रापं द्वारा कदम उठाने चाहिए. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी गांव में कीटनाशक औषधि जो मच्छरों को मार सकती है़ उसका छिड़काव करने की जरूरत है. अन्यथा गांव में यदि डेंगू संक्रमण के मरीजो की संख्या बढ़ सकती है़.