Black Fungus
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    वाशिम. पिछले वर्ष से कोरोना संक्रमण से मौत की बढ़ती संख्या से सभी ओर चिंता का वातावरण फैल गया है़  इस बीमारी की पहली लहर से अधिक दूसरी लहर में मौत की संख्या बढ़ने से सरकार व प्रशासन ने प्रयास करके इस बीमारी को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे है़  इस बीमारी के प्रसार पर कुछ सफलता भी प्राप्त कर ली है़.

    लेकिन कोरोना पर मात करनेवाले मरीजों पर अब ब्लैक फंगस इस नई बीमारी ने दस्तक दी है़  इस बीमारी के कारण जिले में एक महिला की मौत होने के बाद इस संक्रमण ने अपना जाल फैलाना शुरू किया है़  जिससे अभी तक 12 मरीजों को इस संक्रमण ने अपने चपेट में लेने की जानकारी मिली है़  इस से नागरिकों में दहशत निर्माण हो रही है़  

    अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त किए जाने से आमजन की चिंता बढ़ गई़  बच्चों पर परिणाम होने का बताया जा रहा है़  विदर्भ के कुछ जिले में अनेक बच्चों को कोरोना का संक्रमण होने का सामने आया है़  इस संभावित लहर को रोकने के लिए उपाय योजना चलाने के लिए शुरुआत की है़ 

    12 मरीज मिले, एक मरीज की मौत

    कोरोना पर मात करने के बाद अब ब्लैक फंगस बीमारी ने हमला चढ़ाया है़  इस बीमारी से मरीजों की आंख, जबड़ा गवाने का समय आकर वह मेंदु तक पहुंचने के बाद मरीज की मौत होने की संभावना रहती है़  मधुमेह मरीजों को संकमण का खतरा अधिक रहने का बताया जा रहा है़  जिले में अभी तक 12 मरीज संक्रमित होकर इन में से 7 मरीजों ने इस पर मात कर स्वस्थ हुए है़  तो 4 मरीजों पर उपचार शुरू होकर एक महिला मरीज की मौत हो गई है़  

    इस संबंधि जिला शल्य चिकित्सक डा़ मधुकर राठौड़ ने बताया कि जिले में ब्लैक फंगस के 12 मरीज पाए गए है़  कोरोना काल में अत्यधिक औषधियों का उपयोग होते समय जो शुगर के मरीज है. उनमें यह बीमारी अधिक मात्रा में पाई जाती है़  इस बीमारी के लिए आवश्यक औषधि का स्टाक उपलब्ध है़  इसके लक्षण नजर आने पर मरीजों ने उपचार लेने के लिए चिकित्सालय में आना चाहिए. उपचार के बाद यह बीमारी ठीक होती है़  

    नि:शुल्क उपचार की जागरुकता आवश्यक 

    कुछ दिनों पूर्व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ब्लैक फंगस बीमारी को महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना से नि:शुल्क उपचार की घोषणा की थी़  लेकिन इस की मरीजों को जानकारी नही होने की बात सामने आ रही है़  इस योजना में ढाई लाख रुपयों तक चिकित्सा सुविधा सरकार की ओर से की जाएगी. इस बीमारी का उपचार सरकारी अस्पताल में ही होना चाहिए़  इस की जागरुकता होना आवश्यक है़