वाशिम. इस साल बहुत बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है़ जिससे जिले में नदी किनारों पर रहनेवाले गांवों को बाढ़ आने की संभावना से जिला प्रशासन ने पूर्व तैयारी शुरू कर दी है़ इस में नदी किनारे रहनेवाले गांवों को सतर्कता के संकेत दिए जा रहे है़ जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है़
जिलाधिकारी षण्मुगराजन एस़ ने मई माह में ही प्रशासकीय प्रणाली से मानसून पूर्व तैयारी का निरीक्षण करके जायजा लिया था़ इसमें तहसील की योजना तैयार करना, तहसील नियंत्रण कक्ष स्थापित करना, तलाश व बचाव दस्ते तैयार रखना, पंचनामे दस्ते तैयार रखना, तैराकी व्यक्ति की जानकारी संकलित करना, अस्थायी निवारे निश्चित करना, स्वयं सेवी संस्थाओं का सहभाग लेना आदि जिले के सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए गए है़.
इसी प्रकार से जिलास्तर व तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए है़ जिले में खोज व बचाव दस्ते की रचना की गई है़ अतिवृष्टि अथवा लगातार बारिश हुई तो नदी किनारों के 66 गांवों को बाढ़ आने का संभावित खतरा रहने से वहां पर उस दृष्टि से तैयारी शुरू की गई है़
जिले में 10 नदियां होकर इन नदी के किनारों पर 66 गांव है़ जिले में पैनगंगा, पुस, अरुणावती, काच, अडान, बेंबला, निर्गुणा, तानी, बेंडकीव, काटेपूर्णा आदि नदियां है़ नदी को बाढ़ आयी तो गोहगांव, महागांव, धोडप बु, भापुर, तांदुलवाडी, सरपखेड, मोठेगांव, देगांव, मसलापेन, हिवरापेन, पेडगांव, देऊलगांव बंडा, बेलखेडा, आसेगांव पेन, वरुड तोफा, रिठद, पेनबोरी, नेतनसा, रुई गोस्ता, कलंबामहाली, साखरडोह, पिंपलगांव, कारखेडा समेत अन्य गांव प्रभावित होते है़ इस दृष्टि से बारिश के दिनों में संभावित आपदा के लिए प्रशासन ने तैयारी कर ली है़.