high court

Loading

वाशिम. रिसोड तहसील के ग्राम मोप निवासी विवाहिता को आत्महत्या करने के लिए प्रवृत्त करने के प्रकरण में स्थानीय तदर्थ जिला न्यायाधीश -1 डा़  रचना तेहरा ने प्राप्त सक्षम प्रमाण के आधार पर आरोपी पति गजानन कंकाल को दोषी करार देते हुए 5 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. प्रकरण में मृतक विवाहिता के पिता परशराम सुर्वे ने दी फरियाद के अनुसार विवाहिता स्मिता कंकाल व उसका पति गजानन कंकाल यह ग्राम मोप में रहते थे. गजानन अपनी पत्नी पर संदेह करता था़ व उसे शारिरीक, मानसिक रुप से प्रताड़ित करता था़.

इस प्रताड़ना से परेशान होकर विवाहिता ने आत्महत्या की. विवाहिता की आत्महत्या के लिए पति व उसके ससुरालवाले जिम्मेदार होने की फरियाद 1 फरवरी 2016 को दी थी़  प्रकरण में 31 जनवरी 2016 को शाम 7:30 बजे के दौरान परशराम सुर्वे को पुत्री स्मिता रिसोड हास्पिटल में भरती होने से तुरंत आनेका संदेश दिया गया़  पिता अपनी पत्नी के साथ रिसोड पहुंचे़  दूसरे दिन डाक्टर ने विवाहिता की मौत होने का घोषित किया़.

प्रकरण में रिसोड पुलिस ने आरोपी पति गजानन कंकाल, ससुर हिम्मत कंकाल व अन्य एक विजय कंकाल के विरोध में मामला दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में प्रविष्ट किया था़  प्रकरण में 11 गवाह पेश किए गए़  प्राप्त सक्षम प्रमाण के आधार पर पति को दोषी करार देते हुए न्यायाधीश ने आरोपी को 2 वर्ष की सश्रम कारावास व 1,000 रू. जुर्माना, जुर्माना अदा न होने की स्थिति में 3 महीने का कारावास, 5 वर्ष की सश्रम कारावास व 2,000 रू. जुर्माना, जुर्माना अदा न होने की स्थिति में 3 महीने की कारावास की सजा का फैसला सुनाया.

अन्य आरोपियों को सक्षम प्रमाण के अभाव से निर्दोष बरी कर दिया़  प्रकरण में सरकार की ओर से सहायक अभियोक्ता माधुरी मिसर ने कोर्ट में पैरवी कर अमर ठाकुर ने काम देखा़.