संतरे की खेती क्षेत्र में वृद्धि, ढोरखेडा में 25,000 पेड़ लगाए

  • विभिन्न प्रकार के पेड़ों का समावेश

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मालेगांव. तहसील में संतरे की खेती के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृद्धि हो रही है. ग्राम ढोरखेडा में अभी तक लगभग 25,000 संतरे के पेड़ लगाए गए हैं. इसलिए संतरे की खेती के प्रति किसानों की प्रवृत्ति स्पष्ट है. जैसे-जैसे किसान आधुनिक खेती के साथ-साथ अधिक उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वैसे-वैसे पारंपरिक फसल पद्धति अपनाने के लिए तहसील में किसानों का रुझान बढ़ रहा है. इसलिए मालेगांव तहसील में फलों की खेती का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है. मालेगांव तहसील के ग्राम मुंगला संतरा उत्पादन के लिए जिले में प्रसिद्ध है. जिले में सबसे ज्यादा संतरा बाग मुंगला में प्रसिध्द है. मुंगला के बाद अब तहसील में ग्राम ढोरखेडा में संतरे की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इस गांव में पिछले वर्ष 9,000 संतरे के पेड़ लगाए गए थे. 

किसानों का बढ़ा रुझान
इस वर्ष 15,000 संतरे के पेड़ लगाए गए. इसलिए इस गांव के किसानों का संतरे के बाग की ओर काफी रुझान है. इस बारे में जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकरराव तोटावार ने बताया कि कई किसानों ने पारंपरिक फसलों को विभाजित करते हुए फलों की बागों की ओर रुख किया है. किसानों को एहसास होने लगा है कि एक ही फसल लेने से फसल की पोत कम हो जाती है. कुछ किसान फसल के पद्धति में बदलाव कर रहे हैं जबकि कई किसान फलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. देखा जाए तो यह अच्छी बात है.