कोरोना को हराने के लिए जीवनशैली में बदल करना आवश्यक- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

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  • वाशिम के आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला का ई-लोकार्पण

वाशिम. कोरोना पर मात करने के लिए कौनसी सावधानी बरतना इस संबंधी विविध माध्यमों से बड़े प्रमाण में जागरुकता हो रही है़  मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी मुहिम के माध्यम से घर घर जाकर इस संबंधी जानकारी दी जा रही है़. कोरोना को हराने के लिए मास्क का उपयोग, हाथ स्वच्छ धोना व शारीरिक दूरी रखना इन तीन सूत्रों का उपयोग करके अपने जीवनशैली में बदल करना अब आवश्यक होने का प्रतिपादन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया है़. 10 अक्टूबर को वाशिम के जिला महिला अस्पताल परिसर में वायरस संशोधन व निदान प्रयोगशाला का (आरटी-पीसीआर) ई-लोकार्पण मुख्यमंत्री ठाकरे के हाथों किया गया़. 

इस अवसर पर वे बोल रहे थे़  इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, वाशिम जिले के पालकमंत्री शंभूराज देसाई, जिला परिषद के अध्यक्ष चंद्रकांत ठाकरे, विधायक राजेंद्र पाटणी, विधायक अमित झनक, वाशिम के नगराध्यक्ष अशोक हेडा, जिलाधिकारी हृषिकेश मोडक, अपर जिलाधिकारी शरद पाटिल, जिला शल्य चिकित्सक डा़ मधुकर राठोड, निवासी उप जिलाधिकारी शैलेश हिंगे, उप जिलाधिकारी संदीप महाजन, जिला नियोजन अधिकारी सुनीता आंबरे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा़ अविनाश आहेर उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि कोरोना संक्रमण को शुरुआत हुई तब राज्य में केवल 1 से 2 ही वायरस टेस्टिंग प्रयोगशाला थी़  लेकिन अब राज्य में प्रयोगशाला की संख्या बढ़ायी जाकर प्रत्येक जिले में प्रयोगशाला निर्मिति की जा रही है़  इसके अनुसार वाशिम में वायरस टेस्टिंग प्रयोगशाला निर्मिति की मांग आज पूर्ण हुई है़  इस प्रयोगशाला का पूर्ण क्षमता से उपयोग करके टेस्टिंग की संख्या बढ़ाए़  कोरोना संक्रमितों की तलाश करने के लिए टेस्टिंग की सुविधा, उपचार केंद्रों की संख्या बढ़ायी गई है़.

मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी मुहिम के माध्यम से घर घर जाकर नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है़  जिससे कोरोना संक्रमक का आलेख कम होने के लिए मदद होगी़  कोरोना संक्रमित के लिए बड़े प्रमाण में बेड्स उपलब्ध करवाए है़  मात्र उनका उपयोग करने का समय नही आना चाहिए़ ऐसी परिस्थिति निर्माण करना आवश्यक है़  कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रण में लाने के लिए सरकारी यंत्रणा दिनरात परिश्रम कर रही है़  इस का सार्थ अभिमान है़.

नागरिकों ने भी कोरोना को दूर रखने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है़  अपने जीवनशैली में कुछ प्रमाण में बदल करने पर कोरोना को रोकना सहजता से संभव होगा़  ऐसा मुख्यमंत्री ठाकरे ने बताया़  स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी आवश्यक जानकारी दी़  पालकमंत्री देसाई ने कहा कि वाशिम जिले में कोविड नियंत्रण के लिए शुरुआत से ही जनप्रतिनिधि व सरकारी यंत्रणाओं को साथ में लेकर नियोजनबद्ध काम शुरू है.

इस के पूर्व जिले के संदिग्ध मरीजों के थ्रोट स्वैब सैंपल जांच के लिए अकोला, अमरावती, यवतमाल सहित अन्य जिले में भेजे जाते थे़  उसका रिपोर्ट आने के लिए समय लगता था़  अब जिले में ही प्रयोगशाला शुरू होने से 24 घंटे के भितर ही रिपोर्ट प्राप्त हो सकेंगे. एक ही दिन में 270 सैंपल की जांच की जा सकेंगी. जिससे टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के लिए मदद ही होगी़  मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी इस मुहिम के पहले चरण में का गृह भेंट के 100 उद्दिष्ट पूर्ण हुए है.

जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए 13 कोविड केयर सेंटर, 4 डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर व 2 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल की सुविधा निर्माण की गई है़ जिला नियोजन समिति मार्फत वायरस संशोधन व निदान (आरटी-पीसीआर) प्रयोगशाला के लिए 2 करोड़ रुपए, औषधि खरीदी के लिए 3 करोड़ 60 रुपये, ऑक्सिजन सुविधा के लिए 46 लाख रुपये, रैपिड एंटीजन टेस्ट कीट के लिए 99 लाख रुपये, उपलब्ध करवाए जाने का पालकमंत्री देसाई ने बताया.

प्रास्ताविक जिलाधिकारी मोडक ने किया़  इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वाशिम यह आकांक्षी जिला होकर वायरस टेस्टिंग प्रयोगशाला से कोविड संक्रमण के बाद भी विविध वायरसजन्य बीमारी के लिए निदान के लिए मदद होनेवाली है़  जिले की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण कदम है. इस प्रयोगशाला से कोरोना टेस्टिंग को गति देने के लिए मदद होगी़  कार्यक्रम का संचालन अपर जिलाधिकारी शरद पाटिल व आभार प्रदर्शन जिला शल्य चिकित्सक डा़ मधुकर राठोड ने किया.