Movement of contract employees under NRHM for adjustment in government service - will serve in Warda without security
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वाशिम. सरकारी सेवा में स्थायी रुप से समायोजन की मांग को लेकर राष्ट्रीय ग्रामीण अभियान(एन.आर.एच.एम.) अंतर्गत विगत 15 वर्षों से स्वास्थ्य सेवा देनेवाले ठेका कर्मचारियों ने सोमवार को काली रीबन लगाकर आंदोलन शुरु किया है़ इस आंदोलन के दुसरे चरण में मंगलवार को सभी ठेका कर्मचारी छुट्टी लेकर सरकार की नीति का निषेध करने का नर्णिय लिया है़ सरकार ने मांगे पूर्ण न करने पर आंदोलन के अंतिम चरण में किसी भी प्रकार की सुरक्षा न लेते हुए कोरोना वार्ड में स्वास्थ्य सेवा देंगे.

इस संदर्भ का 18 मई को राष्ट्रीय ग्रामीण अभियान अधिकारी व कर्मचारी महासंघ की ओर से अध्यक्ष महेंद्र साबले व महिला अध्यक्षा सुनिता चव्हाण के नेतृत्व में प्रशासन को अपनी मांगों का एक निवेदन दिया है़ इस निवेदन में कहा गया कि, एनआरएचएम अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से ठेका पद्धति से काम कर रहे है़ं उनकों सरकारी सेवा में स्थायी रुप से समायोजन के लिए आश्वासित करने तक नई भरती नहीं करने की मांग की गयी थी.

समायोजन के संदर्भग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने भी शिफारस की थी़ अब सरकार ने स्थायी भरती निकालने से सभी ठेका कर्मचारियों में असंतोष नर्मिाण हुआ है़ कोरोना महामारी में सभी ओर केवल ठेका कर्मचारियों को ही नियुक्त करने से वे यह कार्य किसी भी तरह की शिकायत न करते हुए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. इस लिए ठेका कर्मचारियों के शैक्षिक पात्रता के आधार पर समकक्ष पदों पर बिनाशर्त समायोजन करने की मांग की गई थी़ लेकिन सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला है़ जिससे एनआरएचएम अंतर्गत ठेका कर्मचारियों ने आंदोलनात्मक कदम उठाकर काली रिबन लगाकर काम तथा 26 को सामुहिक छुट्टी का आंदोलन किया है.

इसी तरह अब 28 मई से कोविड मरीज की सेवा छोड़कर अन्य काम बंद व कामों पर आमरण अनशन, 1 से 5 जून तक भरती प्रक्रिया पर बहीष्कार, न्यायालय में गुहार, विधायक, सांसद को निवेदन, 5 जून से विना सुरक्षा कोरोना कक्ष में काम और 11 जून से सभी काम बंद आंदोलन की चेतावनी दी है़ ठेका कर्मचारियों के इस आंदोलन को स्वास्थ्य क्षेत्र के विविध 6 संगठनों ने समर्थन व सहभाग दर्शाया है़ शासन ने इस आंदोलन की दखल लेकर ठेका कर्मचारियों का शीघ्र शासकीय सेवा में समायोजन करने की मांग महासंघ के अध्यक्ष महेंद्र साबले, महिला अध्यक्षा सुनीता चव्हाण ने की है.