वाशिम. शिक्षा विभाग ने दो शिक्षक विद्यालय की नीति अपनाई है़ लेकिन राज्य में 3,466 शालाओं में एक शिक्षक है. इसमें जिले में भी 25 प्राथमिक शालाओं में एक शिक्षक है़ केवल सरकार की नीति ही नही तो सामाजिक व भौगोलिक कारणों से भी अनेक शालाओं में एक ही शिक्षक रहने का शिक्षा विभाग व्दारा बताया जा रहा है़.
सरकार के मिशन ब्लैक बोर्ड इस उपक्रम के तहत 90 के दशक में शालाओं में दो शिक्षक करने का निर्णय लिया गया था़ लेकिन गत कुछ वर्षो में शालाओं की संख्या में बड़ी वृध्दि हुई़ इस में भी अंग्रेजी शालाओं की ओर आकर्षित होनेवाले छात्रों से सरकारी व मराठी शालाओं में छात्र कम हो गए है. जिससे अनेक वर्षों से शिक्षकों की भर्ती नही होने से एक शिक्षक शालाए निर्माण हुई़.
जिले में पहली से बारहवीं तक के विद्यालयों की संख्या 1,420 से अधिक होकर इस में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या उल्लेखनीय है़ गांव गांव में निजी अंग्रेजी शाला शुरू होने से सरकारी मराठी विद्यालयों से छात्र संख्या घटती जा रही है़ वर्तमान स्थिति में जिले में 25 विद्यालयों में एक शिक्षक रहने की जानकारी प्राप्त हुई है़.
इस में भी दस से अधिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 10 से कम है़ जिससे सामाजिक व भौगोलिक कारणों से यह विद्यालय दो शिक्षक रहना संभव नही हो सका़ जिले में एक शिक्षक रहनेवाले विद्यालयों में वाशिम तहसील में 3, कारंजा में 7, मंगरुलपीर 3, मानोरा में 5, रिसोड 4, मालेगांव में 3 का समावेश है़
पालकों का अंग्रेजी शालाओं की ओर रुझान
विगत कुछ वर्षों से छात्रों के पालकों का अपने छात्र को अंग्रेजी शालाओं में शिक्षा देने का रुझान बढ़ गया है़ अंग्रेजी माध्यम की शालाओं की ओर आकर्षित हो रहे छात्रों के कारण सरकारी व मराठी विद्यालयों में विद्यार्थी संख्या में भारी कमी आ गई है़ विद्यार्थी संख्या कम होने से व अनेक वर्षों से शिक्षक भर्ती नही होने से एक शिक्षक शाला निर्माण हुई है़ जिले की एक शिक्षक शालाए स्टेप बाय स्टेप दो शिक्षक करने का शिक्षा विभाग के सूत्रो व्दारा बताया जा रहा है़.