- सावन माह में उमड़ती थी भीड़
वाशिम. शहर के दक्षिण दिशा में बसे 300 वर्ष प्राचीन पालेश्वर मंदिर सभी का ध्यान आकर्षण करनेवाला मंदिर है. श्रध्दालु के आस्था का केंद्र बना हुआ है़ मंदिर के निर्माण समय इस मंदिर के परिसर में घनघोर जंगल था़ व केवल यहीं मंदिर एकांत में था़ लेकिन अब कालांतरन से शहर का विस्तार तेजी से होकर मंदिर के पास ही बस्तिया बन गई है़ जिससे अनेक श्रध्दालु यहां पर प्रतिदिन दर्शन हेतु आते है़.
सावन माह में ही नहीं तो अन्य माह में यहां पर नागरिक आकर शिवजी का दर्शन करते है़ मन्नते मांगते है़ महाप्रसाद का वितरण होता है़ लेकिन गत डेढ़ साल से मंदिर बंद होने से श्रध्दालु का यहां पर आना बंद रहने से लोग दर्शन नहीं ले पा रहे है़ व कोई कार्यक्रम भी नहीं हो रहे है़ विशेषता में सावन के महीने में इस शिव मंदिर में लोगों का ताता लगा रहता है़.
प्रतिवर्ष ही सावन महीने में श्रध्दालु यहां दूर दूर के नदियों से शुध्द पवित्र जल लाकर भगवान शंकर के शिवलिंग पर अभिषेक करते है़ लेकिन गत डेढ़ वर्ष से कोरोना संकट के कारण मंदिर बंद रहने से गत वर्ष सावन महीने में होनेवाले धार्मिक कार्यक्रम रद्द हुए थे़ तो इस बार यहीं स्थिति नजर आ रही है़
वास्तुशास्त्र का उत्कृष्ट नमूना
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण यह मंदिर के उपरी भागों में चारो दिशाओं को छोटे मंदिर जैसे आकार के बैठने के लिए जगह बनायी गई है़ बताया जाता है कि इन चारो दिशा में बनाए बैठक में सैनिक बैठकर गांव में आनेवालों पर पहारा रखा जाता था. जिससे इसका नाम भी पालेश्वर मंदिर कहा जाने लगा़.
यह मंदिर की संरचना सुंदर होकर यह मंदिर एक ऊर्ध्वाधर पायदान के आकार का बना हुआ है़ सामने नंदी भी है़ वास्तुशास्त्र का उत्कृष्ट नमूना करके इसे देखा जाता है़ अभी इस मंदिर के परिसर में व्यवस्था अच्छी बनायी गई है़ इस संस्थान का जिर्नोध्दार केलकर नामक व्यक्ति ने किया जाने का भी बताया जाता है़
महाशिवरात्रि को लगता है मेला
प्रतिवर्ष ही महाशिवरात्रि के दिन यहां पर भव्य मेला का आयोजन किया जाता है़ शहर के साथ समीपी गांवों के शिवभक्त यहां पर इस दिन पर दर्शन के लिए आते है़ लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना के महामारी के संकट के कारण मंदिर का यात्रा उत्सव रद्द किया गया है़ वही अभी भी मात्र परंपरागत पूजा, अर्चना ही शुरू है़ यह मंदिर सभी के आस्था का स्थान होकर यहां पर आनेवाले श्रध्दालु की मनोकामना पूर्ण होने की श्रध्दा जुड़ी हुई है़.