कोमोरबिडिटी टीबी मरीजों के उपचार पर विशेष ध्यान दें, जिलाधिकारी षण्मुगराजन एस.

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    वाशिम. जिले में जिन कोमोरबिडिटी टीबी मरीजों को एचआईवी, मधुमेह आदि जैसी बीमारी है़  ऐसे टीबी मरीजों के उपचार पर विशेष ध्यान देना व उसी प्रकार से टीबी मरीजों की रोग प्रतिकार शक्ति कम होने से उनको अन्य बीमारी नहीं होना इसलिए भी सावधानी लेने की सूचना जिलाधिकारी षण्मुगराजन एस. ने दी है. जिलाधिकारी कार्यालय के वाकाटक सभागृह में आयोजित जिलास्तरीय टीबी फोरम, टीबी-कोमोरबिडिटी समन्वय समिति की सभा में वे बोल रहे थे़.

    इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसुमना पंत, पंचायत समिति सदस्य गजानन गोटे, जिला टीबीरोग अधिकारी डा़ एस. वी. देशपांडे, जिला सामान्य अस्पताल के डा़ लक्ष्मीकांत राठौड़, जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के डा़ प्रसाद शिंदे, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के भिसे, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के डा़ पंढारकर, नीमा के अध्यक्ष डा़ मिलिंद लाहोटी, जिला टीबीरोग अधिकारी कार्यालय के चिकित्सा अधिकारी डा़ सतीश परभणकर, जिला कार्यक्रम समन्वयक एस.डी.लोनसुने समेत सरकारी व अर्धसरकारी सदस्य उपस्थित थे. 

    जिलाधिकारी षण्मुगराजन एस. ने कहा कि जिले में अधिक टीबी मरीज पाए जानेवाले भागों पर ध्यान केंद्रित करके उस स्थान पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन करें. कुष्ठ मरीज व टीबी मरीज की तलाश करने के लिए एकत्रित सर्वेक्षण मुहिम चलाए़  इस दौरान प्रत्येक परिवार को भेंट देकर अचुक जानकारी संकलित होना आवश्यक है़.

    इस सर्वेक्षण में पाए जानेवाले संदिग्ध व्यक्ति की तत्काल टीबी रोग विषयक टेस्टिंग होने के लिए नियोजन करें. निजी अस्पताल में ऐसे लक्षणवाले मरीज आने पर उसकी जानकारी तुरंत सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली को मिलना अपेक्षित है. इस संदर्भ में आईएमए व नीमा संगठन के पदाधिकारियों की स्वतंत्र बैठक आयोजित करें. योग्य उपचार से टीबी रोग ठीक होता है. कुछ मरीज उपचार पूर्ण करने के लिए टालमटोल करते है़  जिससे इस रोग से ठीक होनेवाले व्यक्ति के मदद से अन्य मरीजों में उपचार की जागरुकता करें. 

    मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंत ने कहा कि मजदूरों की बस्ती, झोपडपट्टी परिसर में नियमित स्वास्थ्य की जांच मुहिम चलाए़  इस परिसर में घर घर जाकर स्वास्थ्य जांच करें. टीबी रोग के लक्षणवाले मरीज निजी अस्पताल में उपचार के लिए आने पर उसकी जानकारी सरकारी प्रणाली को होने के लिए संबंधितों को आवश्यक सूचना दी. उसी प्रकार से टीबी रोग से ठीक होनेवाली महिलाओं की मदद लेकर अन्य महिला मरीजों में टीबी रोग उपचार की गलतफहमियां दूर करें. ग्रामीण भागों में टीबी रोग की लक्षणवाले व्यक्तियों को आवश्यक टेस्टिंग के लिए योग्य नियोजन करें. 

    जिला टीबी रोग अधिकारी डा. देशपांडे व चिकित्सा अधिकारी डा़ परभणकर ने जिले में वर्तमान स्थिति में शुरू टीबी मरीजों की खोज मुहिम की जानकारी दी़  कोमोरबिडिटी विषयक जांच में जिले के 691 टीबी मरीजों में से 20 को एचआईवी, 24 को मधुमेह रहने का निर्दशन में आया. उसी प्रकार से 23 को तंबाकू का व्यसन था़  इन में से 17 मरीजों ने समुपदेशन के बाद तंबाकू छोड़ देने का बताया़  उसी प्रकार से टीबी रोग की लक्षणवाले व्यक्ति की टेस्टिंग पध्दत, मरीजों पर की उपचार पद्धति की जानकारी दी़.