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वाशिम. इस वर्ष सोयाबीन फसल की व्यापारियों से समर्थन मूल्य से अधिक दाम से खरीदी की जा रही है. फिर भी इन दिनों बाजार समितियों में इस फसल की आवक में भारी कमी आ गई है़  पिछले सप्ताह से सोयाबीन के दाम स्थिर होने से किसानों व्दारा इस फसल के दाम में वृध्दि होने की अपेक्षा की जा रही है़  इसी कारण से बाजार समितियों में सोयाबीन की आवक 20 दिनों में आधे पर आयी है़  जिले में पिछले खरीफ मौसम में 2 लाख 81 हजार हेक्टेयर क्षेत्रों पर सोयाबीन की बुआई हुई थी़.

इस फसल की स्थिति अच्छी रहते समय वापसी की बारिश से फसल कटाई के पश्चात सोयाबीन फसल का बड़े प्रमाण में नुकसान हुआ़  व उसके दर्जे में भी गिरावट आयी़  इसके बाद सोयाबीन का उत्पादन अच्छा हुआ. सरकार ने इस कृषि माल पर 3,880 रुपए प्रति क्विंटल गारंटी मूल्य घोषित किया़  शुरुआत में इसके कम दाम पर व्यापारियों ने खरीदी की़  लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन की मांग बढ़ने से स्थानीय बाजार में भी सोयाबीन को अच्छे दाम में तेजी आयी़.

जिले में पिछले डेढ़ महीने से औसतन 4,300 से 4,400 रुपए दाम से सोयाबीन की खरीदी व्यापारी कर रहे है़  इन दिनों भी सोयाबीन को प्रति क्विंटल औसतन 4,450 रुपए दाम मिल रहे है़  इस दौरान कृषि मालों की मांगों में निरंतर हो रही वृध्दि को देखते हुए किसानों व्दारा इन दामों में और अधिक वृध्दि होने की अपेक्षा व्यक्त की जा रही है़  जिससे बड़े किसानों ने सोयाबीन की बिक्री को रोक दिया है़  परिनाम तहा बाजार समितियों में सोयाबीन की आवक में बड़े प्रमाण में कमी आ रही है़.

इस में सोयाबीन की आवक में वाशिम बाजार समिति में 1 जनवरी को 11,000 क्विंटल, 22 जनवरी को केवल 4,175 क्विंटल आवक रही है़  इसी प्रकार से कारंजा में 1 जनवरी को 15,000 क्विंटल, 22 जनवरी को केवल 4,000 क्विंटल, मानोरा में 1 जनवरी को 1,300 क्विंटल, 22 जनवरी को 900 क्विंटल, मंगरुलपीर में 1 जनवरी को 7,500 क्विंटल, 22 जनवरी को 3,000 क्विंटल, रिसोड में 1 जनवरी को 4,600 क्विंटल, 22 जनवरी को केवल 2,500 क्विंटल आवक रही है़  जिससे दाम वृध्दि की अपेक्षा से इन दिनों सोयाबीन की आवक में कमी होने का बताया जा रहा है़