जिले के जंगलों में रखे जाएंगे 40 कृत्रिम तालाब

वाशिम. जिले के जंगलों में पीने का पानी नहीं रहने से जंगल के वन्यप्राणी, पशु़, बस्ती की ओर पानी की तलाश में आ रहे है़ जिससे ग्रामीणों की जान को खतरा उत्पन्न हो रहा है़ इसपर नियंत्रण पाने के लिए

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वाशिम. जिले के जंगलों में पीने का पानी नहीं रहने से जंगल के वन्यप्राणी, पशु़, बस्ती की ओर पानी की तलाश में आ रहे है़ जिससे ग्रामीणों की जान को खतरा उत्पन्न हो रहा है़ इसपर नियंत्रण पाने के लिए वनविभाग की ओर से जिले के जंगलों में प्राथमिक टप्पे में 40 कृत्रिम तालाब रखने का काम हाथ में लिया गया है. आगामी सप्ताह में जिले में जंगल के विविध स्थानों पर यह पानी की व्यवस्था के लिए कृत्रिम तालाब रखे जाएंगे़ वाशिम जिले में प्रादेशिक जंगल का बड़ा क्षेत्र है़ इस जंगल में विविध प्रजाति के हजारों जंगली पशुओं का समावेश है़

 सीमेंट के तालाब तैयार करने का काम अंतिम चरणों में

जंगल में प्रर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने से वन्य प्राणियों की पानी के लिए भटकना पड़ता है़ पानी की तलाश में कई बार वन्य प्राणियों की जान पर आ जाती है़ इसमें कभी वाहनों की टक्कर तो कभी मानव संघर्ष से अनेक बार यह पशुओं की जान चली जाती है़ यह प्रकार दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है़ इसपर नियंत्रण के लिए वनविभाग ने जंगल में ही कृत्रिम तालाब रखने का निर्णय लिया. इसके लिए आवश्यक निधि का प्रावधान कर सीमेंट के तालाब तैयार करने का काम अंतिम चरणों में पहुंच गया है़

जलापूर्ति का रखा जाएगा ध्यान

यह तालाब साधारणत: पांच फीट लंबा, चौड़ाई का और दो फीट गहरा व उसी प्रकार से चार फीट लंबा, दो फीट चौड़ा व दो फीट गहरा इस प्रकार के तालाब बनाए गए है तालाब जंगल के आवश्यक जगह पर रखकर इसमें नियमित रूप से जलापूर्ति का ध्यान रखा जाएगा़ सुमंत सोलंक ने बताया कि, वन्य प्राणियों का पानी के लिए भटकना बंद करने के लिए जंगलों में कृत्रिम पाणवठे बनाए जाकर आवश्यक जगह पर रखे जा रहे है़ प्राथमिक टप्पे में 40 तालाब बनाए गए है़ं इसके अलावा भविष्य में अन्य आवश्यक सुविधा भी उपलब्ध की जाएगी़