लोस चुनाव परिणामों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म

वाशिम. 11 अप्रैल को हुए वाशिम -यवतमाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान के बाद विजयमाला किस उम्मीदवार के गले में होगी़ यह देखना है. चुनाव परिणाम की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है़ वैसे-वैसे शहर में

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वाशिम. 11 अप्रैल को हुए वाशिम -यवतमाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान के बाद विजयमाला किस उम्मीदवार के गले में होगी़ यह देखना है. चुनाव परिणाम की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है़ वैसे-वैसे शहर में अटकलों का बाजार गर्मा हो रहा है़ चुनाव परिणाम के लिए अब 15 दिनों का समय शेष रहा है़ आनेवाले 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी. इन दिनों शहर के हर चौराहों पर अथवा सार्वजनिक स्थानों पर लोग चुनाव परिणाम को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं.

कुल 24 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं
स्थानीय नेता, कार्यकर्ता जिन दलों के है वे अपने अपने दल के समीकरण जोड़कर अपने उम्मीदवार पर विश्वास प्रगट कर रहे है़ इस बार हुए चुनाव में वाशिम -यवतमाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 24 उम्मीदवार खड़े थे़ लेकिन इनमें कांग्रेस के माणिकराव ठाकरे व शिवसेना की भावना गवली में सीधी टक्कर देखी जा रही है. मतदाता भी अपने-अपने अनुमान लगाकर चुनाव परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे है़ सन 2009 के चुनाव से वाशिम जिले के रिसोड व मालेगांव तहसील का अकोला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में समावेश किया गया तो वाशिम, मंगरुलपीर, कारंजा व मानोरा तहसील का समावेश यवतमाल -वाशिम लोकसभा क्षेत्र में किया गया़

जिले में कौनसा उल्लेखनीय विकास हुआ इसका मूल्याकंन करते हुए नया संभावित सांसद यहां विकास के लिए कुछ करने की क्षमता रखता है़ या फिर अन्य नेताओं की तरह आश्वासन पर रखेगा यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है़

यवतमाल में ही हुई अधिकतर सभाएं
उल्लेखनीय है कि 2014 व 2019 के चुनाव की सभी चुनावी प्रक्रीया यवतमाल से होने से यहां पर लोकसभा चुनाव का आस्तित्व करीब समाप्ति की ओर पंहुच गया है़ अनेक बड़े नेताओं की सभाएं भी पिछले चुनाव जैसे इस बार भी यवतमाल में ही हुई थी़ लोकसभा में खड़े अनेक उम्मीदवारों के दर्शन भी लोगों को नहीं हो सके़ पिछले चुनाव जैसे इस बार भी महिला उम्मीदवार होने के कारण महिला के प्रति सहानुभुति, शिवसेना -भाजपा युति का जोरदार प्रचार किया. दूसरी ओर कांग्रेस का मानना है कि, इस बार चुनावी समीकरण बदल गया है़