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वाशिम. होली के दिन अपने घर के सामने डीजे की आवाज बंद करने की बात को लेकर हुए विवाद में अविनाश की हत्या कर दी गई. इस मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश एस़ बी. पराते ने 20 आरोपियों को दोषी करार

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वाशिम. होली के दिन अपने घर के सामने डीजे की आवाज बंद करने की बात को लेकर हुए विवाद में अविनाश की हत्या कर दी गई. इस मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश एस़ बी. पराते ने 20 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. अन्य 2 को बरी कर दिया है. जबकि 1 आरोपी की जेल में मौत हो गई थी.

कार से आये थे आरोपी
18 मार्च 2014 को सोमनाथ नगर मे बंजारा समाज का होली का त्योहार था़ दोपहर 1 बजे के दरम्यान जनार्धन व मिंलीद डीजे बजा रहे थे़ इस पर अविनाश, मुकेश व देवीदास ने डीजे बजाने पर आपत्ति जताते हुए मना कर दिया. इसके बाद सभी आरोपियों ने साजिश रचा. सभी 23 आरोपी सोमनाथ नगर से मानोरा के नाईक नगर में पहुंचे और जनार्धन के घर मे छिप कर बैठ गये. करीब शाम 4 बजे के दौरान देवीदास चव्हाण अपने लड़के अविनाश व मुकेश अपने भतीजे गणेश के साथ इंडिका कार मे नाइक नगर पंहुचे़ कार से उतरते ही सभी आरोपियों ने लोहे के पाइप, डंडे व शस्त्र से मारना शुरू कर दिया. जिससे अविनाश की मौके पर ही मौत हो गई और देवीदास (56), मुकेश (32), गणेश (35) गंभीर रूप से जख्मी हो गए.

मानोरा पुलिस ने घटना स्थल पर पंहुचकर सभी को अस्पताल पहुंचाया. घटना देवीदास की पत्नी व मृतक की मां निर्मलाबाई ने प्रत्यक्ष रूप से देखी. घटना की शिकायत निर्मलाबाई ने मानोरा पुलिस में की. पुलिस ने प्रकरण की जांच कर न्याय प्रविष्ठ किया था.

29 गवाहों के बयान जांचे
सरकारी की ओर से कुल 29 गवाह पेश किए गए़ बचाव पक्ष की ओर से 6 गवाह पेश किए गए. अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश पराते ने 20 आरापियों को धारा 302 के तहत उम्रकैद व प्रत्येकी 10 हजार रुपये जुर्नाने की सजा सुनायी. इसी प्रकार से देवीदास, मुकेश, गणेश की हत्या करने के प्रयास मे धारा 307 भादवि के तहत 7 वर्ष सश्रम कारावास व प्रत्येकी 2000 रुपये जुर्माना व उसी प्रकार से धारा 147 के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रुपये जुर्माना व धारा 148 के तहत 2 वर्ष की कारावास की सजा सुनाई.

इस मामले में सरकार की ओर से एड. उदय देशमुख ने पैरवी की़ उम्रकैद की सजा का इतना बड़ा फैसला वाशिम में पहली बार ही दिया गया़ आरोपियों में जनार्धन रामधन राठोड (39), दुर्योधन रामधन राठोड (31), गोवर्धन राठोड (35), धन्यश्वर राठोड (30), विश्वनाथ जाधव (43), बंडु जाधव (40), किशन आड़े (45), कोमल आडे (40), कुलदीप पवार (30), अरुण पवार (35), रवींद्र राठोड (35), अशोक पवार (35), विनोद राठोड (32), मनोहर राठोड (19), दिलीप राठोड (47), रामधन राठोड (79), मधुकर चौहान (72), प्रदीप जाधव (23), मिलिंद चौहान (36), सुदाम चौहान (43) आदि का समावेश है. बाबूसिंग राठोड व सदाशिव जाधव निर्दोष बरी किये गये. जबकि शिवराम चौहान जेल में मौत हो गयी.