इल्लियों से सोयाबीन फसल की सुरक्षा करें, तोटावार ने किया आह्वान

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वाशिम. कृषि विभाग व्दारा क्रॉपसॅप योजना अंतर्गत खरीफ मौसम में कीट व रोगों का सर्वेक्षण क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारियों ने शुरू किया है़  इस वक्त सोयाबीन फसल पर चक्रीभुंगा व तंबाखू  की पत्ते खाने वाली इल्लियों का प्रादुर्भाव अल्प प्रमाण में नजर आ रहा है. इससे सोयाबीन फसल की सुरक्षा करने के लिए किसानों ने उपाययोजना करने का आह्वान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर तोटावार ने किया है़  

चक्रीभुंगा के प्रादुर्भाव से फुलधारणा, फल्ली धारणा, दाना भरने के प्रमाण में करीब 66 प्रश कमी आ सकती है़  शीघ्र बुआई की गई फसलों पर इसका प्रादुर्भाव अधिक मात्रा में रहता है. 3 से 5 प्रादुर्भावग्रस्त पौधे पाए जाने पर 5 प्रश निंबोली अर्क का छिड़काव करना चाहिए़ और यदि प्रति मीटर लाइन में 5 से अधिक नुकसानग्रस्त पौधे पाए जाने पर केंद्रीय कीटकनाशक मंडल द्वारा लेबल क्लेम किए सिफारिश के अनुसार प्रोपॅनोफॉस 50 इसी 20 मिली, थायक्लोप्रिड 21.एसी 15 मिली अथवा इथिऑन 50  इसी 15-30 मिली इनमें से कोई भी एक कीटकनाशक 10 लीटर पानी में लेकर छिड़काव करना चाहिए़.

सोयाबीन फसल पर तंबाखू की पत्ते खानेवाले इल्लियों का प्रादुर्भाव प्रामुखता में अगस्त महीने में होता है़  यह इल्लिया मलकट हरे रंगों की होकर उस पर पीले नारंगी रेषे व काले बिंदु रहते हैं. अंडों में से निकली इल्लियां सामूहिक रूप से पत्ते का हरितद्रव्य खाती हैं. इन का जीवनचक्र तोड़ना कठिन रहता है़  इन इल्लियों का नियंत्रण प्रथम अवस्था में करना अधिक लाभदायक रहता है़.