There was chaos in the intersections - vehicles increased, signal closed
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    वाशिम. शहर की यातायात नियंत्रण में करने के लिए शहर के प्रमुख चौराहों पर विगत अनेक वर्षो से रोड सिग्नल लगाने की मांग नागरिकों व्दारा की जा रही है़  लेकिन अभी तक यह रोड सिग्नल शुरू नही होने से इस का श्रीगणेशा कब होगा इस की सभी से प्रतीक्षा की जा रही है़  जिला मुख्यालय वाशिम शहर में प्रमुख पांच चौराहों पर जनवरी 2020 में सिग्नल लगाए जाने की जानकारी नगराध्यक्ष अशोक हेडा ने दिसंबर 2019 में दी थी़.

    लेकिन कोरोना संक्रमण के संकट के कारण यह काम प्रभावित हुआ था़  अब कोरोना कम होने से 14 जून से नई नियमावली से अधिकतर कामों के लिए रियायत दी गई है़  जिससे शहर में विविध चौराहों पर पिछले अनेक महीनों से प्रभावित हुए सिग्नल लगाने के काम को अब तेजी लाने की मांग नागरिकों को व्दारा की जा रही है़  

    1 जुलाई 1998 में वाशिम को जिला बनाया गया़  लेकिन जिला निर्मिति को करीब 24 वर्ष का कालावधि पूर्ण हो रहा है़  इस लंबे कालावधि में यहां पर अनेक जिलास्तरीय कार्यालय शुरू हो गए है़  इसी के अनुपात में शहर की जनसंख्या में वृध्दि होकर जिले की जनसंख्या में भारी वृध्दि हो गई है़  इसके साथ ही वाहनों की संख्या में भारी वृध्दि हो गई है़.

    जिले की सभी तहसील तथा गांवों से जिलास्तरीय सरकारी तथा मरीजों को जिला अस्पताल व अन्य कामों के लिए नागरिकों का जिला मुख्यालय में आवागमन अमर्याद बढ़ गया है़  जिससे शहर के पाटणी चौक, अकोला नाका, पुसद नाका, हिंगोली नाका, शिवाजी चौक, बालु चौक, डा़ बाबासाहब आम्बेडकर चौक, पुलिस स्टेशन चौक, मनिप्रभा होटल चौक आदि स्थानों पर वाहनों की यातायात लगी रहती है़  इसमें इंदोर से हैद्राबाद यह महामार्ग इसी अकोला नाका, पुलिस स्टेशन चौक, मनिप्रभा चौक, पुसद नाका चौक, हिंगोली नाका चौक से जाता है़

    इस मार्ग पर बड़े वाहनों के साथ छोटे वाहन, ऑटो रिक्शा, दुपहिया वाहनों के साथ अन्य वाहनों की भीड़ रहती है़  पुसद नाका व हिंगोली नाका परिसर में रेलवे स्टेशन, विविध कालोनी तथा हास्पीटल होने से इन परिसर में लोगो का आवागमन लगा रहता है़  स्थानीय पुसद नाका चौक, अकोला नाका चौक, पुलिस स्टेशन चौक, पाटणी चौक, डा़ बाबासाहब आम्बेडकर चौक आदि 5 चौराहों पर रोड सिग्नल लगाने का काम शुरू है़.

    लेकिन यह काम धीमी गति से हो रहा है़  शहर के मुख्य 5 चौराहों पर रोड सिग्नल लगाने से शहर का यातायात नियंत्रण तथा दुर्घटना की संभावना पर अंकुश लगेगा़  शहर के भीड़ वाले चौक से सड़क पार करने के लिए वाहनों को बड़ी कसरत करनी पड़ रही है़  स्थानीय पुसद नाका चौक यह शहर से जानेआनेवाला सबसे मुख्य छह रास्ते रहनेवाला चौक होकर इसी चौक से इंदौर –नांदेड – हैद्राबाद महामार्ग की यातायात के साथ ही अकोला – हिंगोली –नांदेड, अमरावती, पुसद, यवतमाल, नागपुर आनेजाने वाली वाहन दौड़ती रहती है़  शहर के मुख्य आयुडीपी कालोनी तथा रेनाल्ड हास्पिटल, रेलवे स्टेशन जाने वाले भी इसी मार्ग से आवागमन करते है़.

    यहां से जानेवाले व्यक्ति को अपनी जान हथेली पर रख कर जाना आना पड़ रहा है़  इस चौराहे पर छिटपुट दुर्घटना होती रहती है़  बढ़ते वाहनों के आवागमन से चौक में दुर्घटना का खतरा मंडरा रहता है़  बढ़ती यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुसद नाका के साथ ही अकोला नाका चौक, पुलिस स्टेशन चौक, हिंगोली नाका चौक, पाटणी चौक, डा. बाबासाहब आम्बेडकर चौक आदि मुख्य चौक में ट्राफीक सिग्नल लगाने की मांग विगत अनेक वर्षो से की जा रही थी़  पिछले कुछ महीनो से शहर के मुख्य चौराहों पर सिग्नल लगाने का काम शुरू हो गया है़ लेकिन यह काम धीमी गति से होने से इस कार्य में तेजी लाने की मांग नागरिकों व्दारा की जा रही है़.