शिवडी-न्हावा शेवा सी लिंक में 17 एफिल टावरों के वजन का लगा है लोहा

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नवी मुंबई को बुधवार को शिवडी-न्हावा शेवा (MTHL) सी लिंक के पूरा होने के साथ जोड़ दिया गया है। देश का सबसे लंबा और दुनिया का 10वां सबसे लंबा यह समुद्री पुल अब वाहन बन गया है।

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शिवडी से न्हावा 22 किमी लंबा छह-स्तरीय पुल है जिसकी समुद्र की लंबाई 16.5 किमी और भूमि की लंबाई 5.5 किमी है।

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पुल का चिरले गांव के पास शिवड़ी, शिवाजीनगर (उल्वे) और राष्ट्रीय राजमार्ग 4-बी पर एक इंटरचेंज है। 

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इस समुद्री पुल के लिए भारत में पहली बार ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक (OSD) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। 

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यहां 84 हजार टन वजनी ऐसे 70 डेक लगाए गए हैं। इनका कुल वजन करीब 500 बोइंग हवाई जहाजों के बराबर है। 

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17 एफिल टावरों के वजन के बराबर लगभग 17 हजार मीट्रिक टन बार का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पृथ्वी के व्यास का पांच गुना यानी करीब 48 हजार किमी लंबे तार का इस्तेमाल किया गया है।

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पुल को बनाने में नौ हजार 75 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है, जो 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' की मूर्ति के निर्माण के लिए आवश्यक कंक्रीट की छह गुना अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया है।

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चूंकि 16 किमी लंबी सड़क समुद्र पर है, इसलिए उच्च ज्वार के दौरान गंभीर कंपन होने की संभावना है। इसके लिए पुल के निर्माण के दौरान 35 किमी लंबाई के विशेष 'पाइल लाइनर्स' का इस्तेमाल किया गया है।

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मुंबई और नवी मुंबई, रायगढ़, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राजमार्ग के बीच की दूरी 15 किमी कम हो गई है, जिससे यात्रा समय में 15 मिनट की बचत हुई है।