मुंबई: अंग्रेजी में कहावत है कि, ‘ऐज इस जस्ट ए नंबर (उम्र सिर्फ एक अंक है), यह बात 70 की उम्र में अकेले दुनिया घूमने वाली एक भारतीय महिला ने साबित कर दी है। यह महिले पिछले 25 सालों में करीब 66 देश घूम चुकी है। सोलो ट्रैवल करने की शौक़ीन डॉ. सुधा महालिंगम (Dr. Sudha Mahalingam) अक्सर अपने बिजी शेड्यूल से वक्त निकाल कर ट्रैवेल (Travel) करतीं हैं।
चेन्नई (Chennai) की रहने वाली सुधा महालिंगम पिछले 25 साल से सोलो ट्रैवेल (Solo Travel) कर रही हैं। जब उन्होंने सोलो ट्रैवल शुरू किया तब महिलाओं (Women Solo Travellers) के लिए भारत में ज़्यादा कोई महिलाएं सोलो ट्रैवलिंग नहीं करती थीं। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. सुधा महालिंगम ने अकेले घूम कर कई लोगों के पूर्वाग्रह को तोड़ा है। सुधा महालिंगम ने बताया कि, काफी साल पहले उनके पति अपने काम के लिए विदेश जाते थे तो वो भी साथ चली जाती थीं, उनके पति बिजी रहते थे तो वो कहते थे कि, किसी टूरिस्ट गाइड के साथ शहर घूम लो, लेकिन सुधा को अकेले घूमना पसंद था इसलिए सुधा ट्रैवलिंग पैकेज में भी विश्वास नहीं करती हैं और अकेले घूमना ही ज़्यादा पसद करती थीं।
Image Courtesy: Sudha Mahalingam
रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकार रह चुकीं सुधा ने लगभग दो दशक पहले पत्रकारिता छोड़, एनर्जी रिसर्च का काम शुरू किया था। रिसर्च के सिलसिले में वह देश-विदेश से लोग उन्हें कई बड़े सम्मेलनों में वक्ता के तौर पर इन्वाइट करने लगे। इस तरह उनके घूमने की हॉबी आगे बढ़ती रही। अब सुधा 70 साल की हो चुकी हैं और पिछले 25 सालों में 66 देशों को अकेले घूम चुकी हैं, इनमें 6 महाद्वीप भी शामिल हैं।
Image Courtesy: Sudha Mahalingam
सुधा अपने एक्सपीरिएंस बतौर एक ट्रैवेल ब्लॉगर के रूप में भी शेयर करती हैं। वह फुटलूज इंडियन (Footloose Indian) के नाम उनका ब्लॉग भी है जिसमें वह अपने ट्रैवल अनुभव को साझा करती हैं। सुधा ने ट्रैवलिंग पर किताब भी लिखी है। इस किताब का नाम ‘द ट्रैवेल डॉग्स मस्ट बी क्रेजी’ (The Travel Gods Must be Crazy) है और वह काफी फेमस हुई है।
Image Courtesy: Sudha Mahalingam