Mumbai Terror Attack
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संयुक्त राष्ट्र: अलकायदा (Al-Qaida) और आईएसआईस (ISIS) से संबद्ध संगठन कोविड-19 (Covid-19) महामारी का इस्तेमाल ‘‘साजिश की मनगढ़ंत कहानियां” (कान्सिपिरेसी थ्योरी) (Conspiracy Theory) फैलाने में कर रहे हैं कि वायरस ‘‘काफिरों को सजा दे” रहा है और यह पश्चिम पर ‘‘खुदा का कहर” है। ये संगठन आतंकवादियों को इसका इस्तेमाल जैविक हथियार के रूप में करने के लिए भड़का रहे हैं। इसका बात संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में कही गई है।

रिपोर्ट का शीर्षक ‘ वायरस को लेकर गलत जानकारियों रोकना: कोविड-19 महामारी के दौरान आतंकवादियों, हिंसक चरमपंथियों और आपराधिक समूहों द्वारा सोशल मीडिया का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल’ है और इसे ‘संयुक्त राष्ट्र अंतरक्षेत्रीय अपराध एवं न्याय अनुसंधान संस्थान’ (यूएनआईसीआरआई) ने बुधवार को जारी किया है।

रिपोर्ट के अनुसार अपराधी और हिंसक चरमपंथी महामारी का इस्तेमाल नेटवर्क तैयार करने और सरकारों में लोगों के विश्वास को कमजोर करने के लिए कर रहे हैं और वे वायरस को हथियार बनाने की बातें कर रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवादी, हिंसक अतिवादी और संगठित आपराधिक समूहों ने कोरोना वायरस को ले कर साजिश की मनगढ़ंत कहानियां फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘आईएसआईएल और अल-कायदा से जुड़े समूहों ने भी वायरस के संबंध में साजिश की मनगढ़ंत कहानियां फैलाईं और लोगों को बताया कि वायरस ‘अल्लाह का सैनिक’ है और यह काफिरों और वर्षों से मुस्लिमों को नुकसान पहुंचाने वाले दुश्मनों को सजा दे रहा है।

रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए बताया गया है कि आईएसआईएल और अलकायदा ने दावा किया कि ‘‘वायरस पश्चिम पर टूटा खुदा का कहर” है। वहीं अल-शबाब ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रसार ‘‘देश पर हमला करने वाली” ईसाई (क्रुसेडर) ताकतें और उनके हिमायती काफिर देश कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल फतवा इंडेक्स (Global Fatwa Index) ने कोविड-19 के संबंध में आईएसआईएस और अलकायदा से जुड़े समूहों के संदेशों की पहचान की। इनमें गैर-अधिकारिक फतवा भी शामिल हैं जिनमें कोरोना वायरस से संक्रमित आईएसआईएस सदस्यों से कहा गया था कि वे ‘‘जैविक बम” की तरह काम करें और संगठन के दुश्मनों में जान-बूझकर इसका प्रसार करें।